Shivling Puja Niyam: शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें, नहीं सताएगा पितृ दोष का डर
हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि प्रतिदिन खासकर सोमवार के दिन सच्चे मन से शिवलिंग पर जल अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। इससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। इसके अलावा भी आप शिवलिंग पर (Shivling Puja Niyam) कई चीजें अर्पित कर पितृ दोष जैसी समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कुंडली में पितृ दोष लगने पर व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में श्रद्धा पूर्वक शिव जी की आराधना इसका एक आसान उपाय है। इसके लिए आप शिवलिंग पर कुछ खास चीजें भी अर्पित कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप शिवलिंग पर कौन-सी चीजें अर्पित कर सकते हैं।
अर्पित करें ये चीज
यदि आप नाराज पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसके लिए शिवलिंग पर 16 दिनों तक रोजाना एक-एक चावल अर्पित करना चाहिए। साथ ही एक चावल का दाना अशोक सुंदरी पर भी अर्पित करें।
पितृ दोष होगा शांत
शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से भी पितृ दोष शांत होता है और साधक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं, शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने से जातक को राहु के दुष्प्रभाव से भी मुक्ति मिल सकती है।
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कर सकते हैं ये उपाय
शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि पितृ दोष से मुक्ति के लिए जातक को अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण के लिए पूजा करवानी चाहिए और गीता का पाठ करना चाहिए। साथ ही इस दिन पर दान-पुण्य कर, ब्राह्मणों को भोजन भी करवाना चाहिए। इससे भी साधक को अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करें और आधी परिक्रमा करने के बाद अपने स्थान पर आ जाएं। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि शिवलिंग के जलहरी ( जहां से जल नीचे की तरफ गिरती है) को कभी भी लांघना नहीं चाहिए। इसी के साथ शिवलिंग पर तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख और केतकी के फूल आदि अर्पित न करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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