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    Lord Shiv Puja: काम में बार- बार आ रहे विघ्न को दूर करने के लिए ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, बदल जाएगी किस्मत

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 07:00 AM (IST)

    Shiv Puja सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा समर्पण के साथ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही वो सभी वस्तुएं प्राप्त होती हैं जिनका मिलना किस्मत में नहीं होता है। मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन किसी भी शिव मंदिर जाएं और वहां जाकर शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें बेल पत्र चढ़ाएं। अंत में पूजा का समापन शिव जी की आरती से करें।

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    भगवान शिव की पूजा इस विधि से करें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Ji Ki Arti: भगवान शिव की पूजा को शास्त्रों में बेहद शुभकारी माना गया है। ऐसा कहा जाता है, जो भक्त भोलेनाथ की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें जीवन के हर संकटों से छुटकारा मिल जाता है। ऐसा कहा जाता है, जो किस्मत में न भी लिखा हो उसे देने की क्षमता महादेव रखते हैं। इसी वजह से उन्हें औघड़दानी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन समर्पित है।

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    इस दिन जो जातक उनकी आराधना भक्ति भाव के साथ करते हैं उन्हें वो हर चीज प्राप्त होती है, जिसकी वो कामना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन किसी भी शिव मंदिर जाएं और वहां जाकर शिव जी का अभिषेक करें और उन्हें बेल पत्र अर्पित करें। अंत में पूजा का समापन शिव जी की कपूर आरती से करें, जो इस प्रकार है-

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    ॥ शिव जी की आरती ॥

    शिव मात पिता, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में।

    कोटि कोटि प्रणाम, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

    जिनका तो ना आदि, ना अंत पता, भक्तो पे दया।

    जो करते सदा, शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

    वृषगामी जो, बाघाम्बर है धरे, अनादि अनंत से, जो है परे।

    शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

    अमृत को नहीं, विष पान किया, अभयदान है, भक्त जनों को दिया।

    शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

    गौरा नंदन, श्री गणेश कहे, जलधारा जिनके, शीश बहे।

    शिव मात पितां, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

    शिव मात पिता, शिव बंधू सखा, शिव चरणों में,

    कोटि कोटि प्रणाम, शिव चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम।।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'