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    Shardiya Navratri 2025: 22 या 23 सितंबर, कब से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र? यहां नोट करें घटस्थापना का शुभ समय

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 02:55 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri Start Date) के पहले दिन शुक्ल और ब्रह्म योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इस दिन मंदिरों में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही संध्याकाल में आरती-भजन का आयोजन किया जाता है।

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    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आश्विन माह का खास महत्व है। यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में पितृ पक्ष और शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। कृष्ण पक्ष में श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के दौरान जगत जननी मां दुर्गा और उनके रूपों की पूजा की जाती है।

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    धार्मिक मत है कि शारदीय नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) कब से शुरू होंगे?

    कब मनाया जाता है शारदीय नवरात्र?

    हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक नवरात्र का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

    शारदीय नवरात्र शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Start Date)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सोमवार 22 सितंबर को शुरू होगी। वहीं, प्रतिपदा तिथि 23 सितंबर को समाप्त होगी। आसान शब्दों में कहें तो प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 23 सितंबर को देर रात 02 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी।

    कब से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र?

    सनातन धर्म में उदया तिथि मान (प्रदोष व्रत और अष्टमी व्रत को छोड़कर) है। इसके लिए शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। इस दिन घटस्थापना कर जगत की देवी मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाएगा।

    घटस्थापना समय (Ghatasthapana Shubh Muhurat)

    22 सितंबर को घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। साधक प्रातः काल (सुबह) 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट के मध्य घटस्थापना कर देवी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के मध्य भी घटस्थापना कर सकते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 30 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 03 बजकर 03 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।