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    Shardiya Navratri 2024 Day 8: नवरात्र के आठवें दिन इस विधि से करें मां महागौरी की पूजा, नोट करें प्रिय भोग, पुष्प एवं रंग

    नवरात्र के आठवें दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 8) मां महागौरी की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार 11 अक्टूबर को महाअष्टमी मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन (Shardiya Navratri 2024) देवी की पूजा करने से कार्यों में आ रही बाधा समाप्त होती है। साथ ही भगवती का आशीर्वाद मिलता है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 10 Oct 2024 06:00 PM (IST)
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    Shardiya Navratri 2024 Day 8: माता महागौरी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र का सबसे महत्वपूर्ण दिन अष्टमी और नवमी तिथि को माना जाता है। महाअष्टमी यानी आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है, जो देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अष्टमी (Shardiya Navratri 2024 Day 8) 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि देवी की खास पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है। साथ ही परिवार में खुशहाली आती है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 56 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। फिर निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 11 अक्टूबर रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

    देवी महागौरी का प्रिय भोग - माता को नारियल की खीर व सफेद रंग की मिठाई चढ़ाएं।

    प्रिय फूल - मां को पीले, लाल एवं सफेद रंग के फूल अर्पित करें।

    माता महागौरी की पूजा विधि (Shardiya Navratri 2024 Day 8 Puja Vidhi)

    भक्त नवरात्र के आठवें दिन जल्दी उठें और स्नान करें। फिर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। मंदिर को साफ करें और मां की प्रतिमा पर ताजे फूल चढ़ाएं। कुमकुम व सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद देवी के मंत्रों का जाप और उनकी भाव के साथ प्रार्थना करें।

    पीले, लाल और सफेद रंग के फूल अर्पित करें। फिर उन्हें भोग के रूप में नारियल की मिठाई चढ़ाएं। आरती से पूजा को समाप्त करें और क्षमा प्रार्थना करें।

    देवी महागौरी मंत्र (Maa Mahagauri Mantra)

    1. श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

    2. देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।