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    Shardiya Navratri 2024 Day 5: स्कंदमाता की पूजा से संतान की होगी प्राप्ति, जानें शुभ मुहूर्त, प्रिय फूल और भोग

    Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:00 AM (IST)

    शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन (Shardiya Navratri 2024 Day 5) देवी स्कंदमाता की उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं देवी स्कंदमाता का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और भोग समेत आदि महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

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    Shardiya Navratri 2024: पांचवा दिन स्कंदमाता को है समर्पित

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में नवरात्र के पर्व का अधिक महत्व है। हर साल दो नवरात्र आते हैं। पहली नवरात्र चैत्र माह में मनाए जाते हैं, वहीं दूसरे नवरात्र आश्विन माह में मनाए जाते हैं, जिन्हें शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हुई है। वहीं, इसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता (Devi Skandamata) की पूजा का विधान है। धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की विधिपूर्वक उपासना करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

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    देवी स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 5 day Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल की पंचमी तिथि की शुरुआत 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 48 मिनट से होगी। वही, इसका समापन 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर होगा।

    देवी स्कंदमाता की पूजा विधि

    शारदीय नवरात्र (Skandamata ki Puja Vidhi) के पांचवें दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर वस्त्र धारण करें। मंदिर की सफाई कर पूजा की शुरुआत करें। अब स्कंदमाता को चंदन, कुमकुम, फल, फूल समेत आदि चीजें अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और स्कंदमाता के मंत्रों का जप करें। स्कंदमाता चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। व्रत कथा का पाठ करें। केले और मिठाई का भोग लगाएं। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।

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    मां कुष्मांडा के भोग

    मां स्कंदमाता को केले का भोग जरूर लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे जातक को बिजनेस और करियर में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही संतान-सुख की प्राप्ति होती है।

    मां स्कंदमाता का प्रिय रंग

    मां स्कंदमाता की पूजा के दौरान सफेद और पीला रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि सफेद और पीला रंग देवी को प्रिय है। इन रंग के वस्त्र धारण करने से मां प्रसन्न होंगी।

    मां स्कंदमाता के प्रिय फूल

    मां स्कंदमाता की पूजा में गेंदे के फूल शामिल करने चाहिए। ऐसा करने से साधक को जीवन में सुख-सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    स्कंदमाता के मंत्र

    1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    2. ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः’’

    ‘ऊँ पार्वत्यै नमः”

    ‘ऊँ साम्ब शिवाय नमः’

    ’’ऊँ गौरये नमः

    3. ‘मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।

    कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि‘।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।