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    Shardiya Navratri 2023: शीघ्र विवाह के लिए पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, जल्द लगेगी हाथों में मेहंदी

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 09:00 AM (IST)

    शास्त्रों में निहित कि माता पार्वती की पूजा करने से विवाहित जातकों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। अतः साधक नवरात्र के पांचवें दिन श्रद्धा भाव से मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है तो शीघ्र शादी के लिए पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

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    Shardiya Navratri 2023: शीघ्र विवाह के लिए पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, जल्द लगेगी हाथों में मेहंदी

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। मार्कंडेय पुराण में मां की महिमा का बखान है। नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। शास्त्रों में निहित कि माता पार्वती की पूजा करने से विवाहित जातकों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। साथ ही मृत्यु लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। अतः साधक नवरात्र के पांचवें दिन श्रद्धा भाव से मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो शीघ्र शादी के लिए पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।

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    शीघ्र विवाह के मंत्र

    1. ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

    2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    ३. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    4. ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।

    नन्द गोपसुतं देवि पति में कुरुते नम:।।

    5. पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।

    तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ।।

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    6.ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ

    चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

    7. हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।

    मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥

    8. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।

    विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।

    9. क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।

    देवी के मंत्र

    10. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।