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    Shardiye Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्र में किस वाहन पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा? जानिए महत्व

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 11:06 AM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri 2025) मां दुर्गा की पूजा के लिए बहुत शुभ मानी गई है। यह नौ दिनों तक चलती है। इस साल नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मुश्किलों का अंत होता है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।

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    Sharadiya Navratri 2025: हाथी पर आगमन का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की उपासना का महापर्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। वहीं, हर साल नवरात्र (Sharadiya Navratri 2025) में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं, जिसका अपना विशेष महत्व होता है। इस साल मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएंगी? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    शारदीय नवरात्र 2025 शुभ मुहूर्त (Sharadiya Navratri 2025 Date And Time)

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 22 सितंबर को रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 23 सितंबर को रात 02 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर, 2025 दिन सोमवार से होगी।

    इस साल किस वाहन पर आएंगी मां दुर्गा? (Kya Hai Maa Durga Ki Sawari?)

    नवरात्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, अगर नवरात्र सोमवार को शुरू हो, तो देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।

    श्लोक - "शशि सूर्य गजारूढ़ा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौ शुक्रेचा दोलायं बुधे नौकाप्रकीर्तिता।"

    मां दुर्गा का हाथी से आना एक शुभ संकेत माना जा रहा है। यह शांति, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है। कहा जा रहा है कि यह अच्छी बारिश, भरपूर फसल और किसानों की समृद्धि का संकेत दे रहा है।

    हाथी पर आगमन का महत्व

    नवरात्र के दौरान मां दुर्गा का वाहन उनके आगमन के दिन पर निर्भर करता है। मां दुर्गा का हाथी पर आना बेहद शुभ माना जाता है। हाथी को सुख, समृद्धि, और शांति का प्रतीक माना जाता है। जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो यह खुशहाली का संकेत होता है। इसके साथ ही चारों ओर सुख-समृद्धि का माहौल बनता है। इसके साथ ही सभी भक्तों के लिए यह सुख और संपन्नता का प्रतीक है।

    नवरात्र के अन्य वाहन और उनका महत्व

    • सोमवार या रविवार - हाथी पर आगमन (सुख-समृद्धि और अच्छी बारिश)
    • शनिवार या मंगलवार - घोड़े पर आगमन (युद्ध और राजनीतिक उथल-पुथल)
    • गुरुवार या शुक्रवार - पालकी पर आगमन (सुख, शांति और समृद्धि)
    • बुधवार - नाव पर आगमन (सभी मनोकामनाओं की पूर्ति)

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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