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    Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, भरपूर कृपा बरसाएंगी मां लक्ष्मी

    Updated: Tue, 15 Oct 2024 10:07 AM (IST)

    हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को माह की महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना जाता है। आश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस तिथि पर महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली के लिए व्रत भी करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस दिन के लिए कुछ खास उपाय।

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    Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा की रात ये उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धर्म में आश्विन माह में आने वाली शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) को काफी खास माना गया है। यह तिथि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु उत्तम मानी गई है। ऐसे में आप शरद पूर्णिमा की रात को कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं, जिससे आपको धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है, साथ ही व्यक्ति के सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।

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    पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Shubh Muhurat)

    आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -  

    शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय - शाम 05 बजकर 05 मिनट पर

    शरद पूर्णिमा निशिता काल - रात्रि 11 बजकर 42 से 12 बजकर 32 मिनट तक

    सुख-सौभाग्य में होगी वृद्धि (Sharad Purnima 2024 Upay)

    शरद पूर्णिमा की रात को एक बर्तन में खीर रखकर उसे रातभर खुले आसमान में चांदनी के रख दें। अब अगले दिन पूरे परिवार के साथ इस खीर का सेवन करें। यह शरद पूर्णिमा का एक प्रसिद्ध उपाय है, जिसे करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसी के साथ आप शरद पूर्णिमा के संध्या पूजन के दौरान मां लक्ष्मी को मखाना या मखाने से बनी खीर भी अर्पित कर सकते हैं।

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    करें इस मंत्र का जप

    शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी जी की मूर्ति या फोटो के समक्ष 5 घी के दीये जलाएं। इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए ‘ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः’ मंत्र का कम-से-कम 11 माला जप करें। साथ ही इस दिन पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए श्री कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।