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Shani Vakri 2023: जब शनिदेव चल रहे हों उल्टी चाल तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Shani Vakri 2023 सभी ग्रह एक निश्चित अवधि के लिए वक्री अवस्था में चले जाते हैं जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। 17 जून को शनि देव वक्री अवस्था में जानें वाले हैं और इस दौरान जातकों को विशेष नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Fri, 09 Jun 2023 03:19 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jun 2023 03:19 PM (IST)
Shani Vakri 2023: शनि वक्री के कारण इन नियमों का रखें ध्यान।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Shani Vakri 2023: ज्योतिषविदों के अनुसार, 17 जून को शनि देव सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर वक्री अवस्था में जानें वाले हैं। शनि देव 04 नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। बता दें कि शनि वक्री का प्रभाव न केवल राशियों पर पड़ेगा, बल्कि देश और दुनिया पर भी पड़ेगा। शनि वक्री के दौरान सभी राशियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को इस अवस्था में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमों का ध्यान रखकर कार्य करता है, उन्हें शनि हानि नहीं पुहंचाते हैं, अन्यथा शनि देव क्रोधित हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

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शनि वक्री के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

शनि वक्री की अवधि में व्यक्ति को लोभ और अधिक महत्वकांक्षाओं से दूर रहना चाहिए। साथ ही इस दौरान किसी बड़े-बुजुर्ग या उम्र में छोटे व्यक्ति से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। शनि वक्री के दौरान वाणी पर संयम रखना सबसे जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कटुवचन बोलने से जातक को शनि के दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में साधु-संत, पशु-पक्षी और माता-पिता का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन नियमों को न मानने से शनि देव जातक से क्रोधित हो जाते हैं।

शनि वक्री के कारण उत्पन्न होते हैं यह दुष्प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि वक्री के कारण मनुष्य में आत्मविश्वास की कमी हो जाती और भय की स्थिति बनी रहती है। इसके साथ इस दौरान व्यक्ति को अन्य लोगों पर अधिक शक होने लगता है। स्वार्थ की भावना भी जागृत होने लगती है और व्यक्ति खुदको दूसरों से श्रेष्ठ समझने लगता है।

इन बातों से क्रोधित होते हैं शनि देव

शनि देव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है और ऐसा माना जाता है कि शनि देव कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि भगवान को 'न्यायाधीश' की उपाधि भगवान शिव ने स्वयं प्रदान की है। शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिनसे शनि देव बहुत क्रोधित हो जाते हैं।

  • झूठ बोलना

  • नियम तोड़ना

  • गरीबों को परेशान

  • मेहनत करने वाले को सताना

  • धन का लोभ करना

  • पशु-पक्षी, वृद्ध जनों को परेशान करना

  • पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विषसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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