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    Shani dev: अगर आपके जीवन में भी चल रही है शनि की साढ़े साती और ढैय्या? तो इस उपायों से करें अपना बचाव

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 13 Dec 2023 02:11 PM (IST)

    Sade Sati ke Upay माना जाता है कि यदि शनि देव क्रोधित हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन में कदम-कदम पर परेशानियां झलेनी पड़ती है। कुंडली में साढ़ेसाती लगने पर जातक को हर क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप शनि की साढ़े साती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।

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    Shani sade sati ke upay शनि की साढ़े साती और ढैय्या से बचाएंगी ये चीजें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani ki Sade Sati: सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार पुरस्कार या दंड देते हैं। शनि देव को कर्मफल दाता भी कहा गया है। किसी व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती शुरू होने पर उस व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं। यह गोचर तीन भावों में चलता है। इसकी पूरी अवधि साढ़े सात वर्ष की होती है। इसलिए इस गोचर को शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।

    सरसों के तेल से करें ये उपाय

    शनि देव को सरसों का तेल मुख्य रूप से अर्पित किया जाता है। इससे जातक को अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। ऐसे में शनि की साढ़े साती और ढैय्या से बचने के लिए एक लोहे के पात्र में सरसों का तेल लें और उसमें एक रूपए का सिक्का डाल दें। इसके बाद इस तेल में अपना चेहरा देखकर यह तेल किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें। आप चाहें तो इस तेल को पीपल के पेड़ के नीचे भी रख सकते हैं।

    टल जाते हैं दुर्घटना के योग

    लोहे के कुछ उपाय करने से भी आप काफी हद तक साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोहे के बर्तन का दान भी किया जाता है। ऐसे में आपको खाना बनाने वाले लोहे के बर्तनों जैसे तवा, कड़ाही आदि का किसी निर्धन व्यक्ति को दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपके कुंडली में बनने वाले दुर्घटना के योग टल जाते हैं।

    करें ये उपाय

    हर शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपन जलाने और वृक्ष की 21 बार परिक्रमा करने से व्यक्ति को शनि की साढ़े साती और ढैय्या बुरा प्रभाव नहीं झेलना पड़ता। इसके साथ ही पीपल में अर्घ देने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। वहीं, अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है, तो इसके लिए एक पीपल का वृक्ष लगवाएं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'