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    Shani Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत आज इस विधि से करें पूजा, नोट करें भोग, मंत्र और सामग्री

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 09:59 AM (IST)

    प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat 2025) हर महीने त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस साल यह व्रत आज यानी 4 अक्टूबर को रखा जा रहा है। इस दिन शिव-पार्वती के साथ शनिदेव की पूजा का महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत से शनि की साढ़ेसाती और शनि दोषों से मुक्ति मिलती है।

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    Shani Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत हर महीने त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा के साथ-साथ न्याय के देवता शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत (Shani Pradosh Vrat 2025) करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोषों से मुक्ति मिलती है, तो आइए इस आर्टिकल में भगवान शिव की पूजा विधि, भोग, मंत्र और पूजन सामग्री जानते हैं।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Shani Pradosh Vrat 2025 Puja Muhurat)

    • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
    • अमृत काल - देर रात 1 बजकर 9 मिनट से रात 2 बजकर 41 मिनट तक
    • सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 3 मिनट पर।

    शिव पूजा की विधि (Shani Pradosh Vrat 2025 Puja Vidhi)

    • प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद की जाती है।
    • पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
    • साफ कपड़ें धारण करें।
    • पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
    • हाथ में जल लेकर शनि प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
    • प्रदोष काल में फिर से हाथ-पैर धोकर विधिवत पूजा करें।
    • शिवलिंग का जल, गंगाजल या फिर पंचामृत से अभिषेक करें।
    • शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं।
    • बिल्व पत्र, धतूरा, भांग और मदार के फूल अर्पित करें।
    • माता पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करें।
    • घी का दीपक और धूप जलाएं।
    • रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करें।
    • प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
    • अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
    • शिव पूजा के बाद पीपल के पेड़ के नीचे या शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
    • शनिदेव को काले तिल और तेल चढ़ाएं।

    पूजन सामग्री (Shani Pradosh Vrat 2025 Puja Samagri)

    बिल्व पत्र, शमी के पत्ते, कच्चा दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, सफेद चंदन, धतूरा, भांग, पुष्प माला आदि।

    पूजा मंत्र (Shani Pradosh Vrat 2025 Puja Mantra)

    • ॐ नमः शिवाय।
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

      उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    भगवान शिव भोग (Shani Pradosh Vrat 2025 Bhog)

    चावल की खीर, हलवा, या पंचामृत।

    शनिदेव को चढ़ाएं ये चीजें

    सरसों का तेल, काले तिल, नीला या काला कपड़ा, लोहे की कील, नीले फूल आदि।

    शनिदेव के भोग - मीठी पूड़ी, काला चना व उड़द दाल की खिचड़ी आदि।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।