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    Shani Jayanti 2024: इन शुभ योग से बन रही है शनि जयंती खास, लगाएं यह दिव्य भोग

    सनातन धर्म में शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) का पर्व बेहद कल्याणकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शनि की पूजा अगर भाव के साथ की जाए तो वे प्रसन्न होकर सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। ऐसे में उनका आशीर्वाद पाने के लिए यहां पूजन के कुछ योग व भोग बताएं गए हैं जिससे न्याय के देवता खुश होते हैं। तो चलिए जानते हैं -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 06 Jun 2024 01:40 PM (IST)
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    Shani Jayanti 2024: शनि जयंती भोग -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शनि सभी को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनि जयंती पर भगवान शनि देव की पूजा होती है। इस बार शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) 6 जून, 2024 यानी आज के दिन मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है, जो जातक इस दिन श्रद्धा के साथ रवि पुत्र की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।

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    शनि जयंती शुभ योग

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 5 जून, 2024 को शाम 07 बजकर 54 पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 6 जून यानी आज शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। इसके साथ ही शनि जयंती पर गजकेसरी, लक्ष्मी नारायण, बुधादित्य योग और मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है, जिसमें भगवान शनि की पूजा करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त होगी।

    काले तिल के लड्डुओं का भोग

    शनि जयंती पर भगवान शनि को काले तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं। यह भोग उन्हें अति प्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि इस भोग को लगाने से शनि दोष समाप्त होता है। साथ ही जीवन के दुखों का नाश होता है। ऐसे में अगर आप शनि कृपा चाहते हैं, तो आपको इस तिथि पर काले तिल के लड्डुओं का भोग अवश्य लगाना चाहिए।

    खिचड़ी का भोग

    शनि देव को खिचड़ी का भोग बेहद पसंद है। ऐसे में शनि जयंती के शुभ अवसर पर उन्हें खिचड़ी का भोग का जरूर लगाएं। ऐसा कहा जाता है कि कर्म फलदाता इससे प्रसन्न होते हैं। साथ ही घर में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती है। इसके अलावा जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है और व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्राप्त होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।