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    Shani Dosh Ke Upay: किन लोगों को कष्ट नहीं पहुंचाते शनिदेव, सदा बनी रहती है कृपा

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 10:59 AM (IST)

    शनिदेव कर्मफलदाता कहे जाते हैं, क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही अच्छा या बुरा फल देते हैं। ऐसे में व्यक्ति को अपने कर्मों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन लोगों को शनिदेव कष्ट नहीं देते। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Shani Dev Blessings remedies (AI Generated Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती या फिर ढैय्या से चल रही है, तो ऐसे में जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें शनि देव की कुदृष्टि का सामना नहीं करना पड़ता।

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    इन्हें नहीं सताता डर

     शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है, क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर दंड या शुभ फल देते हैं। इसलिए जो साधक अपने कर्म अच्छे रखते हैं, ईमानदारी से अपना काम करते हैं और दूसरों की सहायता करते हैं, उन्हें भी शनि देव कोई कष्ट नहीं पंहुचाते। साथ ही जो लोग मांस-मंदिरा के सेवन से दूर रहते हैं, और बुजुर्गों का सम्मान करते हैं, उन्हें भी शनिदेव की कुदृष्टि का सामना नहीं करना पड़ता।

    Shani Dev

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    हनुमान जी को दिया था ये वचन

    शनि देव का डर उन लोगों को नहीं सताता, जो लोग शनिवार के दिन शनिदेव और हनुमान जी की पूजा करते हैं। इसके साथ ही हनुमान जी के भक्तों को भी शनिदेव के क्रोध का सामना नहीं करना पड़ता। पौराणिक कथा के अनुसार, शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था, कि वह उनके भक्तों को नहीं सताएंगे।

    इन लोगों को नहीं मिलता कष्ट

    माना गया है कि जो लोग शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं और शाम के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं, उन्हें भी शनिदोष से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही आप शनि दोष से राहत पाने के लिए शनिवार के दिन काले तिल, सरसों का तेल, काली उड़द व लोहे के बर्तनों का दान कर सकते हैं।

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    इन लोगों को झेलनी पड़ती है वक्र दृष्टि

    यह माना जाता है कि जो लोग निर्दोष लोगों को सताते हैं और अपने गुरुजनों, बुजुर्गों व महिलाओं का अपमान करते हैं, उन्हें भी शनिदेव की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। वहीं जो लोग पशु-पक्षियों को सताते हैं, उन्हें भी शनि की वक्र दृष्टि झेलनी पड़ती है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।