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    व्रत में सेंधा नमक ही क्यों है मान्य? यहां जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Wed, 10 May 2023 04:29 PM (IST)

    Sendha Namak हिंदू धर्म में व्रत के समय विशेष नियमों का ध्यान रखा जाता है। इस दौरान अन्न को न ग्रहण कर फलाहार का सेवन किया जाता है। साथ ही नामक में भी सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व।

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    Sendha Namak: जानिए क्या है सेंधा नमक का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sendha Namak: हिंदू धर्म में व्रत और त्योंहारों का विशेष महत्व है। इन शुभ अवसरों पर सभी लोग अपने अराध्य की उपासना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय अपनाते हैं। इन सभी उपायों में व्रत को सबसे फलदाई माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी विशेष पर्व जैसे- रामनवमी, हनुमान जयंती, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि इत्यादि पर जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर अधिकांश लोग उपवास रखते हैं। इनमें से कई लोग बिना नमक वाला फलाहार ग्रहण करते हैं तो वहीं कुछ लोग नमक मिलाकर फलाहार का सेवन करते हैं। लेकिन यह नमक साधारण नमक नहीं होता है, व्रत में प्रयोग किए जाने वाले नामक को सेंधा नमक या व्रत का नमक के नाम से जाना जाता है।

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    सेंधा नमक के सेवन का धार्मिक महत्व

    उपवास में केवल सेंधा नमक का सेवन ही मान्य है और अन्य नमक का सेवन वर्जित है। ऐसा इसलिए क्योंकि, सेंधा नमक पुर्णतः शुद्ध होता है। बता दें कि साधारण नमक को बनाने में कई प्रकार के रासायनिक चीजों का प्रयोग किया जाता है। वहीं सेंधा नमक में कोई मिलावट नहीं होती है और इसे फल की भांति ही प्राकृतिक माना जाता है। इसलिए सेंधा नमक का सेवन करने से व्रत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

    सेंधा नमक का प्रयोग

    उपवास में आहार का सेवन बहुत सीमित रूप से किया जाता है। कुछ व्रत ऐसे होते हैं जिनमें एक समय खाना ही मान्य होता है और कुछ में दोपहर के व्रत के बाद सामान्य भोजन ग्रहण करने की अनुमति है। वहीं नवरात्रि में जहां लोग नौ दिनों तक उपवास रखते हैं, उसमें शरीर को नमक की आवश्यकता जरूर पड़ती है। ऐसे समय में सेंधा नमक का प्रयोग फलाहार में किया जाता है। इसके साथ स्वास्थ्य विशेषग्य भी गर्भवती महिलाओं और वृद्ध लोगों को व्रत के दौरान सेंधा नमक खाने की सलाह देते हैं।

    सेंधा नमक का वैज्ञानिक महत्व

    सेंधा नमक के आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सेंधा नमक हल्का और सुपाच्य होता है, जिससे पाचन बेहतर बनाता है। साथ ही इसके सेवन से ऊर्जा में वृद्धि होती है। सेंधा नमक का सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की वृद्धि होती है। बता दें कि साधारण नमक की तुलना में सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा बहुत कम होती है और आयरन, पोटेशियम व मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए यह दिल से जुड़ी बीमारी और हड्डियों की ऐंठन को ठीक करने में सहयोगी होता है।

    विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि सेंधा नमक के सेवन से शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन संतुलित रहता है, जिससे तनाव में वृद्धि नहीं होती है। यही कारण है कि व्रत में भूख के कारण बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए सेंधा नमक खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ इस विशेष नमक के सेवन से वजन भी कम होता है और यह भूख पर भी नियंत्रण पाने में सहायक होता है। इसके साथ सेंधा नामक में साधारण नमक की तुलना में खारापन कम होता है और आयोडीन की मात्रा भी कम होती है, जिससे अधिक रक्तचाप और आंखों की सूजन की समस्या कम हो जाती है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।