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    Sawan 2024: सावन का दूसरा सोमवार आज, इस नियम से करें शिव पूजा, मिलेगा मनचाहा वर

    सावन का महीना बहुत फलदायी माना जाता है। इस पूरे माह भगवान शंकर की पूजा का विधान है। इस साल सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं जिसके चलते इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं जो साधक देवों के देव महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें इस दौरान उनकी विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। साथ ही कठिन व्रत का पालन करना चाहिए।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 29 Jul 2024 09:26 AM (IST)
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    Sawan 2024: दूसरे सावन सोमवार 2024 की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और जब यह दिन सावन में पड़ जाए, तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। आज सावन का दूसरा सोमवार है, जो बहुत ज्यादा शुभ माना जा रहा है, जो लोग सावन सोमवार व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें इस मौके पर पवित्रता का खास ख्याल करना चाहिए। इसके साथ ही शिव जी के मंदिर भी अवश्य जाना चाहिए।

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    वहीं, जो लोग इस मौके पर शिव जी के साथ देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस मौके (Sawan Second Somwar 2024) पर उनकी विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए, तो आइए शिव पूजन के नियम को विस्तारपूर्वक जानते हैं -

    दूसरे सावन सोमवार 2024 की पूजा विधि

    व्रती सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें, हो सके तो उसमें गंगाजल मिला लें। पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें। शिव जी के समक्ष व्रत रखने का संकल्प लें। किसी मंदिर में जाकर या फिर घर पर शिवलिंग का विधि अनुसार, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें। उन्हें सफेद चंदन, भस्म का तिलक लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और सफेद फूलों की माला और फूल अर्पित करें। शिव जी का आह्वान करने के लिए उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें। अगर आप चाहें, तो महादेव को प्रसन्न करने के लिए ध्यान कर सकते हैं।

    इस दिन रुद्राभिषेक भी करना बेहद शुभ माना जाता है।

    ठंडई, लस्सी, खीर और भांग के पकौड़े का भोग लगाएं। शिव आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। अगले दिन शिव प्रसाद से अपना व्रत खोलें और तामसिक चीजों से परहेज करें।

    शिव जी पूजन मंत्र

    1. ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

    2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

    3. ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं। रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।। पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं। विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।

    शुभ योग और शिव पूजन समय

    हिंदू पंचांग के अनुसार, अमृत काल सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान शिव पूजा करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।