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    Sawan 2025: सावन के अंतिम सोमवार पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 30 Jul 2025 07:12 PM (IST)

    सावन पूर्णिमा 09 अगस्त को है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर श्रीसत्यनारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही पूर्णिमा तिथि पर दान-पुण्य भी किया जाता है। वहीं सावन सोमवार पर भगवान शिव की पूजा (Sawan Fourth Somvar 2025) की जाती है।

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    Sawan 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन महीने का समापन 09 अगस्त को होगा। इस दिन सावन पूर्णिमा मनाई जाएगी। सावन पूर्णिमा के दिन राखी का त्योहार रक्षा बंधन मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर त्रिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है। वहीं, बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं।

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    इससे पहले 04 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से देवों के देव महादेव और भगवान शिव की पूजा की जाएगी। साथ ही भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। वहीं, साधक मनचाही मुराद पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखेंगे।

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    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के अंतिम सोमवार पर इंद्र योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल मिलेगा। आइए, सावन माह के अंतिम सोमवार का शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं।

    सावन सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Somvar Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इसके बाद सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रात भर है। इसके लिए सावन पुत्रदा एकादशी 05 अगस्त को मनाई जाएगी।

    सावन सोमवार शुभ योग (Sawan Somvar Shubh Yoga)

    • सावन सोमवार पर ब्रह्म योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है।
    • सावन सोमवार पर इंद्र योग का संयोग सुबह 07 बजकर 06 मिनट से हो रहा है।
    • सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 18 मिनट से है।
    • सर्वार्थ सिद्धि योग का समापन सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक है।
    • सावन सोमवार पर रवि योग का संयोग दिन भर है।

    नक्षत्र एवं चरण

    सावन माह के अंतिम सोमवार पर अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। अनुराधा नक्षत्र सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक है। इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही गर एवं वणिज करण के योग हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।