Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2025: भगवान शिव की पूजा के समय करें इन शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ, आर्थिक तंगी से मिलेगी राहत

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 08:30 PM (IST)

    सनातन धर्म में सावन महीने (Sawan 2025) का खास महत्व है। इस महीने में पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है। भक्तजन सावन महीने में रोजाना भगवान शिव की पूजा एवं भक्ति करते हैं। सावन के महीने में पूजा जप-तप और दान करने से साधक के सभी अरमान पूरे होते हैं।

    Hero Image
    Sawan 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग गणना अनुसार, 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। यह महीना चराचर के स्वामी देवों के देव महादेव को समर्पित माना जाता है। इसके लिए सावन के महीने में प्रतिदिन भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं, सावन सोमवार, सावन प्रदोष व्रत और शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर भगवान शिव की असीम कृपा बरसती है। धार्मिक मत है कि देवों के देव महादेव की विधिवत पूजा एवं भक्ति करने से साधक को पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक को हर परेशानी से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो सावन महीने (Sawan Somwar 2025) में रोजाना पूजा के समय इस स्तोत्र का पाठ करें।

    यह भी पढ़ें: Sawan Upay: सावन के महीने में घर ले आएं ये 4 चीजें, पैसों से जुड़ी हर परेशानी होगी दूर

    दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र

    विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय ।

    कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय ।

    गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    भक्तप्रियाय भवरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय ।

    ज्योतिर्मयाय गुणनामसुकृत्यकाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    चर्मांबराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय ।

    मंजीरपादयुगलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय ।

    आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    गौरीविलासभवनाय महेश्वराय पञ्चाननाय शरणागतकल्पकाय ।

    शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    भानुप्रियाय भवसागरतारणाय कालान्तकाय कमलासनपूजिताय ।

    नेत्रत्रयाय शुभलक्षणलक्षिताय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    रामप्रियाय राघुनाथवरप्रदाय नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय ।

    पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय ।

    मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    वसिष्ठेनकृतं स्तोत्रं सर्व दारिद्‌र्यनाशनम् ।

    सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ॥

    ॥ शिव मानस पूजा स्तोत्रम् ॥

    रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरं

    नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदाङ्कितं चन्दनम्।

    जातीचम्पकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा

    दीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम्॥

    सौवर्णे नवरत्नखण्डरचिते पात्रे घृतं पायसं

    भक्ष्यं पञ्चविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम्।

    शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूरखण्डोज्ज्वलं

    ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु॥

    छत्रं चामरयोर्युगं व्यजनकं चादर्शकं निर्मलं

    वीणाभेरिमृदङ्गकाहलकला गीतं च नृत्यं तथा।

    साष्टाङ्गं प्रणतिः स्तुतिर्बहुविधा ह्येतत्समस्तं मया

    सङ्कल्पेन समर्पितं तव विभो पूजां गृहाण प्रभो॥

    आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराः प्राणाः शरीरं गृहं

    पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थितिः।

    सञ्चारः पदयोः प्रदक्षिणविधिः स्तोत्राणि सर्वा गिरो

    यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम्॥

    करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।

    श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्।

    विदितमविदितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।

    जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेवशम्भो॥

    यह भी पढ़ें: सावन से पहले इन चीजों को घर से करें बाहर, अच्छे दिन होंगे शुरू

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।