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    Sawan 2024: सावन में शिव जी पर जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होगी हर इच्छा

    Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:07 AM (IST)

    हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में पूरे संसार के संचालन का कार्यभार भगवान शिव ही संभालते हैं। यदि कोई भक्त सावन के इस पवित्र माह में शिवलिंग पर जल अर्पित करता है तो उसे भगवान शिव की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में यदि आप जल अर्पित करते समय इन मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे मिलने वाला लाभ दोगुना हो जाता है।

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    Sawan 2024: सावन में शिव जी पर जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जाप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का पूरा महीना विशेषकर सोमवार का दिन, भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। साल 2024 में सावन के पवित्र माह की शुरुआत 22 जुलाई 2024, सोमवार के दिन से हो रही है। वहीं इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। इस माह को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप किस प्रकार भगवान शिव के कृपा पात्र बन सकते हैं।

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    करें इस मंत्र का जाप

    'श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः। स्नानीयं जलं समर्पयामि'

    भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति के लिए जलाभिषेक करते समय आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से महादेव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

    शिव गायत्री मंत्र

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    आप सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से साधक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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    कर सकते हैं इन मंत्रों का जाप

    आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय यदि ओम नमः शिवाय का जाप करते रहते हैं, तो यह भी बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं। इसके अलावा आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं -

    • ॐ अघोराय नम: ।
    • ॐ शर्वाय नम: ।
    • ॐ विरूपाक्षाय नम: ।
    • ॐ विश्वरूपिणे नम: ।
    • ॐ त्र्यम्बकाय नम:।
    • ॐ कपर्दिने नम: ।
    • ॐ भैरवाय नम: ।
    • ॐ शूलपाणये नम:।
    • ॐ ईशानाय नम: ।
    • ॐ महेश्वराय नम:।
    • ॐ ऊर्ध्व भू फट् ।
    • ॐ नमः शिवाय ।
    • ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
    • ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
    • ॐ इं क्षं मं औं अं ।
    • ॐ प्रौं ह्रीं ठः ।
    • ॐ नमो नीलकण्ठाय ।
    • ॐ पार्वतीपतये नमः ।
    • ॐ पशुपतये नम: ।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।