Sawan 2023: न इंसान न ही देवता बल्कि भूतों ने किया था इस मंदिर का निर्माण, पढ़िए लाल मंदिर से जुड़े दावे
Bhootonwala Mandir भारत में भगवान शिव को समर्पित कई चमत्कारी मंदिरों का उल्लेख शास्त्रों में किया गया है। उनसे जुड़ी कई रोचक कथाएं प्रचलित हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी शिव मंदिर है जिसका निर्माण भूतों से किया था। आइए जानते हैं ऐसे ही एक प्राचीन शिव मंदिर की कथा जिसका निर्माण भूतों ने एक रात में किया था।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan 2023, Bhootonwala Mandir: भारत में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर विद्यमान हैं, जिनसे जुड़ी कई रोचक कथाएं भी प्रचलित हैं। उनमें से द्वादश ज्योतिर्लिंगों को प्रमुख महत्व दिया गया है। शास्त्रों में भी भगवान शिव के कई मंदिरों का उल्लेख किया गया है, जिनमें से कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जिनकी स्थापना देवताओं द्वारा की गई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भगवान शिव का ऐसा भी मंदिर है जिसका निर्माण भूतों ने किया था। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित है।
उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के सिम्भावली के दातियाना गांव में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे भूतोंवाला मंदिर या लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी एक अनोखी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था।
इस मंदिर के निर्माण में केवल लाल ईंटों का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही इसमें में किसी भी प्रकार के सीमेंट या लोहे का प्रयोग नहीं किया गया। इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो लोगों का कहना है कि इसका निर्माण कई हजारों साल पहले किया गया था। इस दौरान कई आपदाएं आई, लेकिन इस मंदिर को कुछ नहीं हुआ।
भूतों ने एक रात में किया था इस मंदिर का निर्माण (Story of Lal Mandir)
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था। लेकिन सूर्योदय तक इस मंदिर के शिखर का निर्माण नहीं हो पाया। जिसे अधूरा छोड़कर भूत गायब हो गए थे। इसके बाद मंदिर के शिखर का निर्माण राजा नैन सिंह ने कराया था। भगवान शिव के दर्शन हेतु और इस अनोखे मंदिर को देखने के लिए श्रावण मास में और शिवरात्रि के दिन देश के कई हिस्सों से शिवभक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं।
लेकिन इतिहाकारों का इस मंदिर के सन्दर्भ में दूसरा मत है। वह भूतों वाले मंदिर को अफवाह मानते हैं। उनका मानना है कि इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल में किया गया था।
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