Sarva Pitru Amavasya पर ब्राह्मणों को दक्षिणा में क्या देना चाहिए? न करें ये गलतियां
सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2025) का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण होता है जिनकी मृत्यु तिथि पता न हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान करना मुख्य अनुष्ठान माना जाता है तो आइए दान से जुड़ी जरूरी बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसे पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जब उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि पता नहीं होती या जिनका श्राद्ध किसी वजह नहीं हो पाया हो। इस दिन किया गया श्राद्ध, दान और तर्पण पितरों को मोक्ष देता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
ब्राह्मणों को दक्षिणा देने का महत्व (Sarva Pitru Amavasya 2025 Daan Significance)
श्राद्ध कर्म के बाद ब्राह्मणों को दिया गया भोजन और दान-दक्षिणा न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह एक अनुष्ठान भी है। ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध के दौरान ब्राह्मणों को दिया गया दान सीधा पितरों तक पहुंचता है।
यह दान पितरों को तृप्त करता है और वे खुश होकर सुख, समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस बात का सदैव ध्यान दें कि दान की वस्तुएं ऐसी होनी चाहिए जो ब्राह्मणों के लिए उपयोगी हों।
दक्षिणा में क्या दें? (Sarva Pitru Amavasya 2025 Par Kya Karen Daan?)
- धन - ब्राह्मणों को दक्षिणा में पैसे देना महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दान ब्राह्मण को अपनी जरूरत के अनुसार वस्तुओं को खरीदने में मदद करता है।
- कपड़े - ब्राह्मणों को दक्षिणा में धोती, कुर्ता, गमछा या अन्य उपयोगी वस्त्र देना शुभ माना जाता है। ऐसे में नए और साफ वस्त्रों का दान करें।
- अनाज - गेहूं, चावल, दाल और तिल जैसे अनाज का दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। तिल का दान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पितरों को मोक्ष दिलाने में सहायक होता है।
- जूते-चप्पल और छाता - ब्राह्मणों को जूते-चप्पल और छाता दान करना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है, खासकर अगर वे दूर से आए हों।
- बर्तन - तांबे या कांसे के बर्तन जैसे थाली, लोटा, या गिलास का दान भी किया जा सकता है। ये धातुएं पवित्र मानी जाती हैं।
- उपयोगी वस्तुएं - इसके अलावा, आप ब्राह्मणों को शक्कर, नमक, सब्जियां या अन्य कोई भी ऐसी वस्तु दान कर सकते हैं, जो उनके रोजाना जीवन में काम आ सके।
ध्यान दें ये बातें (Daan Rules)
- दक्षिणा हमेशा भोजन के बाद और सम्मानपूर्वक दी जानी चाहिए।
- दान की वस्तुएं अच्छी होनी चाहिए।
- अगर आप एक से अधिक ब्राह्मण को दान दे रहे हैं, तो सभी को समान वस्तुएं और धन देना चाहिए।
- दान देते समय मन में किसी भी प्रकार का अहंकार या दिखावे की भावना नहीं होनी चाहिए।
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