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    Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर लगाएं ये पेड़-पौधे, पितरों की कृपा से नहीं रहेंगे वंचित

    सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष की आखिरी दिन होता है इसलिए इसे पितरों की विदाई के दिन के रूप में भी देखा जाता है। यह भी कहा जा सकता है कि यह तिथि पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी मौका है। ऐसे में यदि आप पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए सर्वपितृ अमावस्या के दिन इन पेड़-पौधों के लगा सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 27 Sep 2024 12:49 PM (IST)
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    Sarva Pitru Amavasya 2024 सर्वपितृ अमावस्या पर लगाएं ये पौधे

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जिसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर होता है। पितृ पक्ष का आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या को श्राद्ध आदि करने के लिए काफी शुभ माना गया है। ऐसे में यदि आप इस दिन कुछ पौधे लगाते हैं, तो इससे आपको विशेष लाभ देखने को मिल सकते हैं।

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    जरूर लगाएं ये पेड़

    अमावस्या के दिन पीपल की पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस पेड़ में पितरों का वास होता है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या के दिन किसी मंदिर के बाहर पीपल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। इससे पितरों की कृपा सदैव आपके ऊपर बनी रहती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि पीपल के पौधे को घर के अंदर नहीं लगाना नहीं चाहिए।

    इन पौधों से मिलेगा लाभ

    हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष रूप से पूजनीय माना गया है। ऐसे में आप सर्वपितृ अमावस्या पर तुलसी को पौधे को अपने घर में लगाकर लाभ अर्जित कर सकते हैं। इसी के साथ सर्व पितृ अमावस्या पर शमी और अशोक का पौधा घर में लगाने से भी साधक पर पितरों की विशेष कृपा बनी रहती है।

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    देखने को मिलेंगे अच्छे परिणाम 

    बेल पत्र को हिंदू धर्म में भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में यदि आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन इस पौधे को अपने घर में लगाते हैं, तो इससे आपको विशेष लाभ मिल सकता है। इसी के साथ इस पौधे को किसी मंदिर के आस-पास भी लगाया जा सकता है। इसकी नियमित रूप से पूजा करने और जल चढ़ाने से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।