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    Sarva Pitru Amavasya 2023: सर्वपितृ अमावस्या की शाम को करें ये काम, आशीष देकर विदा होंगे पितृ

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 11 Oct 2023 05:23 PM (IST)

    Sarva Pitru Amavasya Upay प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। जो आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक चलते हैं। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो चुकी है। जिसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। सर्वपितृ अमावस्या को पितरों की विदाई का समय भी माना जाता है।

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    Sarva Pitru Amavasya Upay सर्वपितृ अमावस्या की शाम को करें ये उपाय

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sarva Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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    इस तिथि पर परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए श्रद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि या चतुर्दशी तिथि को हुई हो या फिर जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल चुके हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

    इस दिशा में जलाएं दीपक

    दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है, इसलिए सर्वपितृ अमावस्या की शाम के समय घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय जाने अनजाने हुई गलती के लिए पितरों से माफी मांगें। शाम के समय दक्षिण दिशा में मुख करके पितरों को पितृ तर्पण करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

    इनके लिए निकालें भोजन

    सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म के लिए बनाए गए भोजन में से पंचबलि यानी - गाय, कुत्ते, कौआ, देव और चीटियों के लिए भोजन अवश्य निकालें। साथ ही मुख्य द्वार पर भी एक दोने में भोजन की कुछ चीजें भी रखें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने परिजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं।

    पीपल के पेड़ में चढ़ाएं ये चीजें

    पीपल में पितरों का वास माना जाता है इसलिए सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, चीनी, चावल, दूध, जल, काले तिल, फूल आदि अर्पित करें। इस दौरान ऊँ पितृभ्य नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही 11 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।

    इसके साथ ही पितृसूक्त का पाठ भी करें। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और काले तिल अर्पित करें। ऐसा करने से पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'