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    Sarva pitru Amavasya 2023: इस दिन है सर्वपितृ अमावस्या, पितरों की नाराजगी का कारण बन सकते हैं ये कार्य

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Fri, 06 Oct 2023 04:52 PM (IST)

    Sarva pitru Amavasya Upay प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। जो आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक चलते हैं। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो चुकी है। जिसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। सर्वपितृ अमावस्या को पितरों की विदाई का समय भी माना जाता है।

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    Sarva pitru Amavasya 2023 सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये उपाय।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sarva pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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    इस तिथि पर परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए श्रद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि या चतुर्दशी तिथि को हुई हो या फिर जिनकी मृत्यु तिथि हम भूल चुके हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

    अमावस्या तिथि (Sarva pitru Amavasya 2023 Tithi)

    आश्विन माह की अमावस्या तिथि प्रारम्भ 13 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन शाम 07 बजकर 20 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 14 अक्टूबर रात 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध 14 अक्टूबर को किया जाएगा।

    किसी को न लौटाएं खाली हाथ

    सर्वपितृ अमावस्या के दिन अगर कोई गरीब, जरूरतमंद आपके घर आता है तो उसे खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। वरना पितृ नाराज हो सकते हैं। पितरों की नाराजगी से बचने के लिए घर आए जरूरतमंद को अवश्य ही कुछ न कुछ अपनी क्षमता अनुसार दान करें।

    न करें ये काम

    सर्वपितृ अमावस्या के दिन किसी का भी अपमान न करें। न ही किसी से अपशब्द कहें, वरना ये पितरों की नाराजगी का कारण बन सकता है। साथ ही इस दिन सर्वपितृ अमावस्या के दिन तामसिक भोजन और मदिरा आदि से दूर रहें।

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    इन बातों का जरूर रखें ध्यान

    सर्वपितृ अमावस्या के दिन गाय, कुत्ता, कौवा या चींटी जैसे जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। साथ ही इस दिन बाल, नाखून आदि न कटवाएं। ऐसा करने पर भी पितृ नाराज हो सकते हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'