Saraswati Avahan 2024: सरस्वती आवाहन के दिन करें इन मंत्रों का जाप, कृपा बरसाएंगी विद्या की देवी
सनातन धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। माना जाता है कि साधक को देवी सरस्वती (Saraswati Avahan 2024) की आराधना से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। शारदीय नवरात्र के दौरान भी सरस्वती पूजा का भी विधान है। ऐसे में आप सरस्वती आवाहन के दिन ज्ञान की देवी की कृपा प्राप्ति हेतु इन मंत्रों का जप कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, नवरात्र की (Navratri Puja 2024) अवधि में मूल नक्षत्र के दौरान सरस्वती पूजा का आरंभ होता है, जिसे सरस्वती आवाहन कहा जाता है। इस दिन देवी सरस्वती का आह्वान किया जाता है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार सरस्वती आवाहन बुधवार, 09 अक्टूबर को किया जाएगा। वहीं मूल नक्षत्र आवाहन मुहूर्त सुबह 10 बजकर 25 मिनट से संध्या 04 बजकर 42 मिनट तक रहने वाला है।
सरस्वती वंदना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
सरस्वती गायत्री मंत्र - ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।
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देवी सरस्वती नाम मंत्र
- ॐ सरस्वत्यै नमः।
- ॐ महाभद्रायै नमः।
- ॐ महमायायै नमः।
- ॐ वरप्रदायै नमः।
- ॐ श्रीप्रदायै नमः।
- ॐ पद्मनिलयायै नमः।
- ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।
- ॐ पद्मवक्त्रायै नमः।
- ॐ शिवानुजायै नमः।
- ॐ पुस्त कध्रते नमः।
- ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः।
- ॐ रमायै नमः।
- ॐ परायै नमः।
- ॐ कामरूपायै नमः।
- ॐ महाविद्यायै नमः।
- ॐ महापातक नाशिन्यै नमः।
- ॐ महाश्रयायै नमः।
- ॐ मालिन्यै नमः।
- ॐ महाभोगायै नमः।
- ॐ महाभुजायै नमः।
- ॐ महाभागायै नमः।
- ॐ महोत्साहायै नमः।
- ॐ दिव्याङ्गायै नमः।
- ॐ सुरवन्दितायै नमः।
- ॐ महाकाल्यै नमः।
- ॐ महापाशायै नमः।
- ॐ महाकारायै नमः।
- ॐ महाङ्कुशायै नमः।
- ॐ सीतायै नमः।
- ॐ विमलायै नमः।
- ॐ विश्वायै नमः।
- ॐ विद्युन्मालायै नमः।
- ॐ वैष्णव्यै नमः।
- ॐ चन्द्रिकायै नमः।
- ॐ चन्द्रवदनायै नमः।
- ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः।
- ॐ सावित्र्यै नमः।
- ॐ सुरसायै नमः।
- ॐ देव्यै नमः।
- ॐ दिव्यालङ्कारभूषितायै नमः।
- ॐ वाग्देव्यै नमः।
- ॐ वसुधायै नमः।
- ॐ तीव्रायै नमः।
- ॐ महाभद्रायै नमः।
- ॐ महाबलायै नमः।
- ॐ भोगदायै नमः।
- ॐ भारत्यै नमः।
- ॐ भामायै नमः।
- ॐ गोविन्दायै नमः।
- ॐ गोमत्यै नमः।
- ॐ शिवायै नमः।
- ॐ जटिलायै नमः।
- ॐ विन्ध्यावासायै नमः।
- ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः।
- ॐ चण्डिकायै नमः।
- ॐ वैष्णव्यै नमः।
- ॐ ब्राह्मयै नमः।
- ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः।
- ॐ सौदामिन्यै नमः।
- ॐ सुधामूर्त्यै नमः।
- ॐ सुभद्रायै नमः।
- ॐ सुरपूजितायै नमः।
- ॐ सुवासिन्यै नमः।
- ॐ सुनासायै नमः।
- ॐ विनिद्रायै नमः।
- ॐ पद्मलोचनायै नमः।
- ॐ विद्यारूपायै नमः।
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
- ॐ ब्रह्मजायायै नमः।
- ॐ महाफलायै नमः।
- ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः।
- ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।
- ॐ त्रिगुणायै नमः।
- ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः।
- ॐ शुम्भासुरप्रमथिन्यै नमः।
- ॐ शुभदायै नमः।
- ॐ स्वरात्मिकायै नमः।
- ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः।
- ॐ चामुण्डायै नमः।
- ॐ अम्बिकायै नमः।
- ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः।
- ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः।
- ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः।
- ॐ सौम्यायै नमः।
- ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः।
- ॐ कालरात्र्यै नमः।
- ॐ कलाधारायै नमः।
- ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः।
- ॐ वाग्देव्यै नमः।
- ॐ वरारोहायै नमः।
- ॐ वाराह्यै नमः।
- ॐ वारिजासनायै नमः।
- ॐ चित्राम्बरायै नमः।
- ॐ चित्रगन्धायै नमः।
- ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः।
- ॐ कान्तायै नमः।
- ॐ कामप्रदायै नमः।
- ॐ वन्द्यायै नमः।
- ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः।
- ॐ श्वेतासनायै नमः।
- ॐ नीलभुजायै नमः।
- ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः।
- ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः।
- ॐ रक्तमध्यायै नमः।
- ॐ निरञ्जनायै नमः।
- ॐ हंसासनायै नमः।
- ॐ नीलजङ्घायै नमः।
- ॐ ब्रह्मविष्णुशिवान्मिकायै नमः।
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