EXCLUSIVE: 55 करोड़ की लागत से बना सारंगपुर का भोजनालय, बिना गैस-बिजली और लाइट के बनेगी रसोई
गुजरात के सारंगपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर के पास राज्य का सबसे बड़ा हाईटेक भोजनालय बन के तैयार हो चूका है। 55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस भोजनालय का लोकार्पण 6 अप्रैल को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा।

अहमदाबाद, किशन प्रजापति। सारंगपुर में विराजित हनुमानजी के भक्त जिसकी आतुरता से राह देख रहे थे उसका अंत आ गया है। यहां मंदिर परिसर के पास गुजरात का सबसे बड़ा हाईटेक भोजनालय बन के तैयार हो चूका है। 55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस भोजनालय का लोकार्पण केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 6 अप्रैल को सुबह करेंगे।
इस भोजनालय में बिना गैस, आग और बिजली के एक घंटे में 20 हजार से ज्यादा लोगों का खाना बनाया जाएगा। यहां 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु डायनिंग टेबल पर बैठकर आराम से प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। मंदिर के संतों द्वारा निर्मित इस 'श्रीष्टभंजन देव भोजनालय' की क्या रोचक विशेषताएं हम यहां इन्फोग्राफिक्स के जरिए पेश कर रहे हैं।
भोजनालय की खासियत
- 7 बीघा (1,05, 395 sq ft) भूमि में भोजनालय फैला हुआ है।
- 3,25,000 sq ft में भोजनालय का कंस्ट्रक्शन किया गया है।
- भोजनालय 255 कॉलम पर खड़ा किया गया है।
- इंडियन रोमन शैली वाला भोजनालय का एलिवेशन है।
- भोजनालय को आर्किटेक्ट प्रकाश भाई गज्जर द्वारा और स्ट्रक्चर राजेश भाई पटेल ने डिजाईन किया है।
- शास्त्री हरिप्रकाश स्वामी और कोठारी विवेकसागर स्वामी की प्रेरणा से भोजनायल का निर्माण हुआ।
हाई-टेक किचन की खासियत
- भोजनालय में 4550 sq ft में एक बड़ा किचन बनाया है।
- इसमें एक साथ 20 हजार लोग के लिए खाना बनेगा।
- किचन में बिना गैस-अग्नि-बिजली के ही खाना बनाया जाएगा
- हर श्रद्धालु को किसी भी समय गरम खाना परोसा जाएगा।
डाइनिंग हॉल की खासियत
- भोजनालय में कुल 7 डाइनिंग हॉल है।
- 30, 060 sq ft में पहले और दूसरी फ्लोर पर 2 बड़े डाइनिंग हॉल।
- दोनों हॉल में 328-328 यानी कुल मिलाकर 656 डाइनिंग टेबल।
- इसमें एक साथ 4 हजार से ज्यादा लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर खा सकते हैं।
- इसके अलावा पहली फ्लोर पर भोजनालय में 3 व दूसरी मंजिल पर 2 VIP डाइनिंग हॉल।
भोजनालय के रूम की खासियत
- भोजनालय में कुल 79 रूम बनाये गए हैं, जिसमें 9 रूम 530 sq ft में, 40 रूम 260 sq ft में, 22 रूम 345 sq ft में, 4 रूम 368 sq ft में बनाए गए हैं।
- भोजनालय में कुल 5 लिफ्ट है, जिसमें 216 sq ft में एक, 103 sq ft में दो, 96 और 81 sq ft में एक-एक लिफ्ट है।
- भोजनालय के मुख्य एंट्रेंस पर 75 फीट चौड़ाई की कुल 28 सीढ़ियां और एक एलिवेटर बनाया गया है।
भोजनालय के कंस्ट्रक्शन की खासियत
- भोजनालय का कंस्ट्रक्शन 8 अगस्त 2021 को शुरू किया गया था।
- भोजनालय में खास कैविटी वॉल बनाई गई।
- यह वॉल भोजनालय की अंदर के तापमान को ठंडा रखेगी।
- भोजनालय में कुल 17 लाख से ज्यादा श्रीराम लिखी हुई ईंटों का उपयोग किया गया।
- यह ईंट 3 महीने के समय में गांधीनगर बनाई गई।
- 3,50,000 sqft में स्पेशल टाइल्स लगाई गई।
- यह टाइल्स को बनाने में थानगढ, राजस्थान, कच्छ और यूक्रेन की और
- 25 तीर्थों की मिट्टी का उपयोग किया गया था।
- तीन महीने में ये टाइल्स मोरबी में बनकर तैयार हुई।
- कंस्ट्रक्शन में 22,75,000 टन से अधिक लोहे का उपयोग किया गया है।
- 180 कारीगर दिन के 12 घंटे काम करते थे।
- 55 करोड रुपए की लागत से भोजनालय बना है।
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