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Sankashti Chaturthi 2024: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें बप्पा की पूजा, जानिए व्रत के लाभ और नियम

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का दिन बेहद शुभ होता है। इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही उपवास पूरा होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 28 मार्च यानी आज मनाई जा रही है जो साधक किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं उन्हें भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और यह चतुर्थी व्रत करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Thu, 28 Mar 2024 09:11 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 09:11 AM (IST)
Sankashti Chaturthi 2024: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें बप्पा की पूजा, जानिए व्रत के लाभ और नियम
Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2024: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी तिथि और पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2024: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। चतुर्थी तिथि महीने में दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष। हर संकष्टी चतुर्थी की एक अलग कहानी है। इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 मार्च, 2024 यानी आज के दिन मनाई जा रही है।

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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी तिथि और समय

इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 28 मार्च शाम 06 बजकर 56 मिनट से होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 29 मार्च, 2024 रात्रि 08 बजकर 20 मिनट पर होगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही उपवास पूर्ण होता है। ऐसे में चंद्रमा को अर्घ्य और उसकी विधि अनुसार पूजा के बाद ही अपना व्रत खोलें।

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • अपने घर व मंदिर को साफ करें।
  • एक वेदी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पंचामृत और गंगाजल से बप्पा का स्नान करवाएं।
  • सिंदूर का तिलक तिलक लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
  • मोदक या मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं।
  • गणेश जी को दूर्वा घास अवश्य चढ़ाएं।
  • पंचामृत और चावल की खीर का भी भोग लगाएं।
  • भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।
  • शाम के समय चंद्रमा को विधिपूर्वक अर्घ्य दें।
  • भगवान गणेश का आशीर्वाद लें।
  • प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें।

संकष्टी चतुर्थी व्रत के लाभ

भगवान गणेश बाधाओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं और लोग बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए संकष्टी का व्रत रखते हैं, जो भक्त किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं और जीवन की अनेक बाधाओं से घिरे हुए हैं, उन्हें भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और यह चतुर्थी व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से सौभाग्य, धन, समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही विघ्नहर्ता की कृपा मिलती है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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