Sakat Chauth की पूजा में करें गणेश जी के मंत्रों का जप, संतान को मिलेगा लंबी उम्र का वरदान
हिंदू धर्म में सकट चौथ के व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन पर माताएं अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं। इस दिन व्रत पर भगवान गणेश के साथ-साथ सकट माता की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी में इस दिन गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए उसके मंत्रों का जप कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत किए जाने का विधान है। इस दिन पर महिलाएं अपनी संतान की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं। इतना ही नहीं, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से संतान को बल-बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद भी मिलता है।
सकट चौथ का शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth Muhurat)
माघ माह की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी को प्रातः 04 बजकर 06 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 18 जनवरी को प्रातः 05 बजकर 30 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए, सकट चौथ का व्रत शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 को किया जा रहा है। इस दिन चन्द्रोदय का समय कुछ इस प्रकार रहेगा-
चन्द्रोदय का समय - रात 09 बजकर 09 मिनट पर
गणेश जी के मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये
वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
सकट चौथ का दिन गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम दिन माना गया है। इस दिन पर पूजा के दौरान गणेश जी के मंत्रों का जप करने से साधक को बप्पा की असीम कृपा की प्राप्ति हो सकती है। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
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ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥
ॐ नमो हेरम्ब मदमोहित
मम सङ्कटान् निवारय निवारय स्वाहा॥
ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
ॐ वक्रतुण्डाय हुम्॥
ॐ गं गणपतये नमः॥
संतान की उन्नति के लिए सकट चौथ का व्रत बहुत ही खास माना गया है। इस दिन पर विधि-विधान से गणेश जी की पूजा और व्रत करना चाहिए। साथ ही इस दिन पर गणेश जी को तिलकुट का भोग लगाना चाहिए। इससे गणपति जी अति प्रसन्न होते हैं।
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