Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sakat Chauth 2024 Vrat Katha: सकट चौथ व्रत में पढ़ें ये कथा, हर मनोकामनाएं होंगी पूरी

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik Sharma
    Updated: Sat, 27 Jan 2024 05:01 PM (IST)

    हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुथी को सकट चौथ का पर्व मनाया जाता है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस बार सकट चौथ 29 जनवरी को है। मान्यता है कि सकट चौथ की पूजा में कथा का पाठ करने से साधक को भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।

    Hero Image
    Sakat Chauth 2024 Vrat Katha: सकट चौथ व्रत में पढ़ें ये कथा, हर मनोकामनाएं होंगी पूरी

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sakat Chauth 2024 Vrat Katha: हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है। मान्यता के अनुसार, गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी काम बिना बाधा के पूर्ण हो जाते हैं। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुथी को सकट चौथ का पर्व मनाया जाता है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस बार सकट चौथ 29 जनवरी को है। मान्यता है कि सकट चौथ की पूजा में कथा का पाठ करने से साधक को भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। चलिए पढ़ते हैं इस व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सकट चौथ व्रत (Sakat Chauth Vrat Katha)

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां पार्वती स्नान करने कक्ष में गईं। कक्ष में कोई न आए इसके लिए उन्होंने गणपति बप्पा को बाहर खड़ा कर किया और आदेश दिया कि जब तक मैं स्नान करके बाहर न आ जाऊ तब तक किसी को अंदर मत आने देना।

    यह भी पढ़ें: Mahakali Puja: देवी काली की करें विशेष पूजा, गुप्त शत्रुओं का होगा नाश

    भगवान गणेश ने अपनी मां पार्वती का आज्ञा का पालन किया। कुछ ही समय बाद देवों के देव महादेव मां पार्वती से मिलने आ गए। लेकिन उनको भगवान गणेश ने मां पार्वती से मिलने से रोक दिया। भगवान शिव ने कई बार प्रयास कि वह मां पार्वती से मिल ले, लेकिन मां पार्वती के आदेश के सामने उनकी एक न चली। मां पार्वती से न मिलने पर भगवान शिव क्रोधित हो गए। इसके पश्चात उन्होंने अपने अस्त्र, त्रिशूल से गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया।

    माता पार्वती जी भगवान गणेश जी की आवाज सुनकर कक्ष से बाहर आई। वह अपने पुत्र का सिर धड़ से अलग देखकर अधिक दुखी हो गईं और अपने पुत्र को जीवन दान देने का आदेश भगवान शिव को दिया, जिसके बाद भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर गणेश जी के धड़ से लगा दिया। इससे गणपति बप्पा को दूसरा जीवन मिल गया। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने भगवान गणेश जी को आशीर्वाद दिया। तभी से महिलाएं अपनी संतान की दीर्घ आयु के लिए सकट चौथ का व्रत रखती हैं।

    यह भी पढ़ें: Lord Shiva Names: सुबह उठकर करें महादेव के इन नामों का जाप, दूर होगी हर समस्या


    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

    comedy show banner
    comedy show banner