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    Rudraksha Ke Niyam: जान लें रुद्राक्ष से जुड़ी ये जरूरी बातें, तभी मिलेगा पूर्ण लाभ

    Updated: Tue, 20 Feb 2024 06:12 PM (IST)

    असल में रुद्राक्ष एक सूखा फल है जो पेड़ पर उगता है। 01 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष तक पाए जाते हैं जिसका अपना अपना-अपना महत्व है। इसकी उत्पत्ति को लेकर भी एक पौराणिक कथा प्रचलित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष (Rudraksha Niyam) पहनने वाले साधक पर त्रिदेवों यानी ब्रह्मा विष्णु महेश की कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

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    Rudraksha Niyam जान लें रुद्राक्ष से जुड़ी ये बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Benefits of Rudraksha: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है। आपने कई लोगों को इसकी माला भी धारण करते हुए देखा होगा। माना जाता है कि रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं। लेकिन इसका पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है, वरना इसके विपरीत परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं।

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    ऐसे उत्पन्न हुआ रुद्राक्ष

    रुद्राक्ष में रुद्र का अर्थ है भगवान शिव और अक्ष का अर्थ है अश्रु। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब त्रिपुरासुर नमक राक्षस ने हाहाकार मचाया हुआ था, तब सभी देवी-देवता और ऋषि-मुनियों ने भगवान शिव से सहायता मांगी। भगवान शिव ध्यान में चले गए और जब उन्होंने अपनी आंखें खोली, तो उसमें से आंसू निकलें। जहां-जहां यह आंसू गिरे वहां-वहां रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हो गए। बाद में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर संसार को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई।

    इस दिन कर सकते हैं धारण

    रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए। साथ ही रुद्राक्ष धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जब जरुर करें।

    इन नियमों का रखें ध्यान

    रुद्राक्ष का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। रात को सोने से पहले रुद्राक्ष निकाल देना चाहिए। साथ ही रुद्राक्ष धारण करके कभी भी शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। ऐसे स्थान पर जाने से पहले धारण किए हुए रुद्राक्ष को निकाल दें। रुद्राक्ष धारण करके कभी मांस-मदिरा का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको विपरीत परिणाम मिल सकते हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'