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    Budh Kavach: कर्ज से मुक्ति पाने के लिए बुधवार को करें इस कवच का पाठ, चंद दिनों में बदल जाएगी फूटी किस्मत

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 21 Jun 2023 08:44 AM (IST)

    Budha Kavach ज्योतषियों की मानें तो कुंडली में बुध मजबूत होने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं बुध कमजोर रहने से जातक को जीवन में ढेर सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

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    Budh Kavach: कर्ज से मुक्ति पाने के लिए करें इस कवच का पाठ, चंद दिनों में बदल जाएगी फूटी किस्मत

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Budh Kavach: बुधवार के दिन भगवान गणेश और ग्रहों के राजकुमार बुध देव की पूजा-उपासना की जाती है। ग्रहों के राजकुमार बुध बुद्धि के कारक हैं। बुध देव की कृपा से जातक मधुरभाषी होता है। ज्योतषियों की मानें तो कुंडली में बुध मजबूत होने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, बुध कमजोर होने से जातक को जीवन में ढेर सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यक्ति को सिर दर्द, त्वचा और गर्दन की समस्या हमेशा बनी रहती है। अगर आप भी कुंडली में बुध को मजबूत करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के समय बुध ग्रह कवच और बुध स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। आइए, बुध ग्रह कवच का पाठ करें-

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    बुध ग्रह कवच

    अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः।

    अनुष्टुप् छंदः बुधो देवता ।

    बुधपीडाशमनार्थं जपे विनियोगः।

    बुधस्तु पुस्तकधरः कुंकुमस्य समद्दुतिः।

    पितांबरधरः पातु पितमाल्यानुलेपनः ।।

    कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा ।

    नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः ।।

    घ्राणं गंधप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम ।

    कंठं पातु विधोः पुत्रो भुजा पुस्तकभूषणः ।।

    वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं रोहिणीसुतः ।

    नाभिं पातु सुराराध्यो मध्यं पातु खगेश्वरः ।।

    जानुनी रौहिणेयश्च पातु जंघेSखिलप्रदः।

    पादौ मे बोधनः पातु पातु सौम्योSखिलं वपु।।

    एतद्धि कवचं दिव्यं सर्वपापप्रणाशनम् ।

    सर्व रोगप्रशमनं सर्व दुःखनिवारणम् ।।

    आयुरारोग्यधनदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ।

    यः पठेत् श्रुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत्।।

    बुध स्तोत्र

    पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।

    धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।

    प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।

    सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।

    सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।

    सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।

    उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।

    सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।

    शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।

    सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।

    श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।

    रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।

    अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।

    अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।

    गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित:।

    केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।

    ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज:।

    कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।

    गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।

    सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।

    एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।

    बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।

    ।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।।

    डिस्क्लेमर- ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।