Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, मिलेंगे अद्भुत लाभ

    Updated: Sat, 14 Sep 2024 02:53 PM (IST)

    हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 15 सितंबर को रखा जाएगा। वहीं इस दिन शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ बेहद शुभ माना गया है जो इस प्रकार है।

    Hero Image
    Pradosh Vrat 2024: शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत को बेहद शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह प्रतिमाह कृष्ण पक्ष और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि में आते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार यह व्रत 15 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ के लिए व्रत रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। साथ ही दान और पुण्य करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, इस तिथि पर ''शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र'' (Rudrashtakam Stotram) का पाठ परम कल्याणकारी माना जाता है। इसका पाठ करने से शिव परिवार की कृपा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है।

    ।।शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi)।।

    नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।

    विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।

    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।

    चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।

    निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।

    गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।

    करालं महाकालकालं कृपालं ।

    गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।

    तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।

    मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।

    स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।

    लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।

    चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।

    प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।

    मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।

    प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।

    प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।

    अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।

    त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।

    भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।

    कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।

    सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।

    चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।

    प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।

    न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।

    भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।

    न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।

    प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।

    न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।

    नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।

    जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।

    प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।

    रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।

    ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।

    यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: पितरों के नाराज होने पर जीवन में घटने लगती हैं ये 5 बड़ी घटनाएं, इन चीजों के दान से दूर होगी हर बाधा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।