Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष काल में करें भगवान शिव के नामों का मंत्र जप, मिलेगा मनचाहा वर
शिव पुराण में निहित है कि रवि प्रदोष व्रत करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक व्याधि से मुक्ति मिलती है। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान भी प्राप्त होता है। अतः साधक प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करते हैं। यह व्रत हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इसी प्रकार आज यानी 21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत है। इस व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। शिव पुराण में निहित है कि रवि प्रदोष व्रत करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक व्याधि से मुक्ति मिलती है। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान भी प्राप्त होता है। अतः साधक प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो संध्याकाल में विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान शिव के नामों का मंत्र जप करें।
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शिवजी के 108 नाम
- ऊँ बाणहस्ताय नमः
- ऊँ कपालवते नमः
- ऊँ अशनिने नमः
- ऊँ शतघ्निने नमः
- ऊँ खड्गिने नमः
- ऊँ पट्टिशिने नमः
- ऊँ आयुधिने नमः
- ऊँ महते नमः
- ऊँ स्रुवहस्ताय नमः
- ऊँ सुरूपाय नमः
- ऊँ तेजसे नमः
- ऊँ तेजस्करनिधये नमः
- ऊँ उष्णीषिणे नमः
- ऊँ सुवक्त्राय नमः
- ऊँ उदग्राय नमः
- ऊँ विनताय नमः
- ऊँ दीर्घाय नमः
- ऊँ हरिकेशाय नमः
- ऊँ सुतीर्थाय नमः
- ऊँ कृष्णाय नमः
- ऊँ श्रृगालरूपाय नमः
- ऊँ सिद्धार्थाय नमः
- ऊँ मुण्डाय नमः
- ऊँ सर्वशुभंकराय नमः
- ऊँ अजाय नमः
- ऊँ बहुरूपाय नमः
- ऊँ गन्धधारिणे नमः
- ऊँ कपर्दिने नमः
- ऊँ उर्ध्वरेतसे नमः
- ऊँ उर्ध्वलिंगाय नमः
- ऊँ उर्ध्वशायिने नमः
- ऊँ नभस्थलाय नमः
- ऊँ त्रिजटाय नमः
- ऊँ चीरवाससे नमः
- ऊँ रूद्राय नमः
- ऊँ सेनापतये नमः
- ऊँ विभवे नमः
- ऊँ अहश्चराय नमः
- ऊँ नक्तंचराय नमः
- ऊँ तिग्ममन्यवे नमः
- ऊँ सुवर्चसाय नमः
- ऊँ गजघ्ने नमः
- ऊँ दैत्यघ्ने नमः
- ऊँ कालाय नमः
- ऊँ लोकधात्रे नमः
- ऊँ गुणाकराय नमः
- ऊँ सिंहसार्दूलरूपाय नमः
- ऊँ आर्द्रचर्माम्बराय नमः
- ऊँ कालयोगिने नमः
- ऊँ महानादाय नमः
- ऊँ सर्वकामाय नमः
- ऊँ चतुष्पथाय नमः
- ऊँ निशाचराय नमः
- ऊँ प्रेतचारिणे नमः
- ऊँ भूतचारिणे नमः
- ऊँ महेश्वराय नमः
- ऊँ बहुभूताय नमः
- ऊँ बहुधराय नमः
- ऊँ स्वर्भानवे नमः
- ऊँ अमिताय नमः
- ऊँ गतये नमः
- ऊँ नृत्यप्रियाय नमः
- ऊँ नृत्यनर्ताय नमः
- ऊँ नर्तकाय नमः
- ऊँ सर्वलालसाय नमः
- ऊँ घोराय नमः
- ऊँ महातपसे नमः
- ऊँ पाशाय नमः
- ऊँ नित्याय नमः
- ऊँ गिरिरूहाय नमः
- ऊँ नभसे नमः
- ऊँ सहस्रहस्ताय नमः
- ऊँ विजयाय नमः
- ऊँ व्यवसायाय नमः
- ऊँ अतन्द्रियाय नमः
- ऊँ अधर्षणाय नमः
- ऊँ धर्षणात्मने नमः
- ऊँ यज्ञघ्ने नमः
- ऊँ कामनाशकाय नमः
- ऊँ दक्षयागापहारिणे नमः
- ऊँ सुसहाय नमः
- ऊँ मध्यमाय नमः
- ऊँ तेजोपहारिणे नमः
- ऊँ बलघ्ने नमः
- ऊँ मुदिताय नमः
- ऊँ अर्थाय नमः
- ऊँ अजिताय नमः
- ऊँ अवराय नमः
- ऊँ गम्भीरघोषाय नमः
- ऊँ गम्भीराय नमः
- ऊँ गंभीरबलवाहनाय नमः
- ऊँ न्यग्रोधरूपाय नमः
- ऊँ न्यग्रोधाय नमः
- ऊँ वृक्षकर्णस्थितये नमः
- ऊँ विभवे नमः
- ऊँ सुतीक्ष्णदशनाय नमः
- ऊँ महाकायाय नमः
- ऊँ महाननाय नमः
- ऊँ विश्वकसेनाय नमः
- ऊँ हरये नमः
- ऊँ यज्ञाय नमः
- ऊँ संयुगापीडवाहनाय नमः
- ऊँ तीक्ष्णतापाय नमः
- ऊँ हर्यश्वाय नमः
- ऊँ सहायाय नमः
- ऊँ कर्मकालविदे नमः
- ऊँ विष्णुप्रसादिताय नमः
- ऊँ यज्ञाय नमः
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