Ratna Astrology: कौन पहन सकता है मोती? नियम के अनुसार धारण करने से होगा फायदा-ही-फायदा
मोती सुंदर होने के साथ-साथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी काफी महत्व रखता है। आपने कई लोगों को मोती (Pearl gemstone Rules) की माला या फिर अंगूठी पहनते देखा होगा। ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि मोती पहनने से जातक को कई तरह के फायदे मिलने लगते हैं। बस इसके लिए आपको कुछ नियमों का ध्यान रखने की जरुरत है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह से संबंधित रत्न भी बताए गए हैं, जिन्हें अपनी कुंडली के अनुसार धारण करने से व्यक्ति को बड़ी-से-बड़ी समस्या से निजात मिल सकती है। आज हम मोती रत्न की बात करने जा रहे हैं। अगर आप इसे धारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि किन लोगों को मोती पहनने से लाभ मिल सकता है।
अनगिनत हैं फायदे (Pearl gemstone benefits)
मोती का संबंध चंद्रमा से माना जाता है, इसलिए इसे पहनने से मन शांत रहता है और गुस्से पर काबू बना रहता है। इससे नकारात्मक विचार भी दूर होते हैं और व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही इससे आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और साधक को कारोबार में तरक्की मिलती है। इतना ही नहीं, अगर आपके वैवाहिक जीवन में मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है, तो मोती धारण करने से आपको उसमें भी लाभ देखने को मिल सकता है।
किन्हें पहनना चाहिए मोती (who should wear pearl)
कर्क राशि के जातकों के लिए मोती पहनना ही शुभ माना जाता है, क्योंकि इस राशि के ग्रह स्वामी भी चंद्र देव ही हैं। इन लोगों को मोती धारण करने से मानसिक शांति का अनुभव होता है। इसके साथ ही कुंभ, वृषभ और मकर राशि के जातकों के लिए भी मोती धारण करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
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जान लें जरूरी नियम
आपको मोती पहनने के लाभ तभी मिल सकते हैं, जब आप इससे जुड़े कुछ नियमों (pearl astrology rules) का भी ध्यान रखें। अगर आप मोती को अंगूठी के रूप में धारण कर रहे हैं, तो इसे हमेशा चांदी की अंगूठी में लगवाकर पहनना चाहिए।
साथ ही इसे किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के सोमवार या फिर पूर्णिमा तिथि पर धारण करें। मोती धारण करने से पहले इसे गंगाजल या गाय के कच्चे दूध में भिगोकर रखना चाहिए। इसके बाद 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः ' का 108 बार जप करें। अब भगवान शिव की विधिवत पूजा कर मोती को उनके चरणों में अर्पित करने के बाद ही धारण करें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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