Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी पर अर्घ्य देते समय जरूर मिलाएं ये चीजें, व्रत का मिलेगा दोगुना फल
रथ सप्तमी का दिन बहुत खास माना जाता है। यह तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है। वहीं यह दिन (Ratha Saptami 2025) भगवान सूर्य के जन्मदिन का भी प्रतीक है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष के सातवें दिन पड़ता है। इस दिन उगते सूर्य की पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रथ सप्तमी पर भगवान सूर्य को समर्पित एक पावन दिन है। इस बार यह पर्व दिन मंगलवार 4 फरवरी, 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जो माघ महीने में शुक्ल पक्ष सप्तमी को आता है। इसे माघ सप्तमी, सूर्य जयंती और अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।
वहीं, इस दिन (Rath Saptami 2025) सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल में कुछ ऐसी चीजें है, जिन्हें मिलाने से जीवन सुखी रहता है, तो आइए जानते हैं।
रथ सप्तमी अर्घ्य (Rath Saptami 2025 Argya)
पीले चंदन - रथ सप्तमी पर जल में पीला चंदन या हल्दी मिलाकर अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है। इससे विवाह से जुड़ी समस्याएं समाप्त होती हैं।
रोली - इस शुभ दिन पर जल में रोली मिलाकर अर्घ्य देने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अपार सुख की मिलता है।
दूध - रथ सप्तमी के दिन जल में दूध मिलाकर अर्घ्य देना बहुत उत्तम माना जाता है। इससे भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।
रथ सप्तमी पूजा मंत्र (Ratha Saptami Mantra)
- ॐ घृणि सूर्याय नमः
- ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्।।
- ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात्।।
रथ सप्तमी डेट और टाइम (Ratha Saptami Puja Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 05 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है।
इसी वजह से 04 फरवरी को रथ सप्तमी मनाई जाएगी। इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
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