Rath saptami 2025: 4 या 5 फरवरी, कब है रथ सप्तमी? यहां जानें सूर्य देव की पूजा का शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में रथ सप्तमी (Rath saptami 2025) के त्योहार का अधिक महत्व है। इस शुभ तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने का विधान है। साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से कारोबार में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब मनाई जाएगी रथ सप्तमी?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता है कि रथ सप्तमी (Rath saptami 2025) के अवसर पर सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है।
इस बार रथ सप्तमी की डेट को लेकर लोग अधिक कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग रथ सप्तमी 04 फरवरी की बता रहे हैं। वहीं, कुछ विद्वान रथ सप्तमी 05 फरवरी (Rath Sapatmai 2025 Date) को मनाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे में आइए आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बताएंगे कि रथ सप्तमी की सही डेट क्या है?
रथ सप्तमी 2025 डेट और सुभ मुहूर्त (Rath Sapatmai 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 05 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय तिथि को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में रथ सप्तमी का पर्व 04 फरवरी को मनाया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
अमृत काल - दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 34 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 08 मिनट तक
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इस दिन स्नान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 08 मिनट तक है। इस दौरान स्नान करने के बाद सूर्य देव की विधिपूर्वक उपासना कर गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें।
करें ये उपाय
- अगर आप मान-सम्मान में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो रथ सप्तमी के दिन जल में लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है और रुके हुए काम पूरे होते हैं।
- कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए रथ सप्तमी के दिन पानी में लाल चंदन, गंगा जल, केसर या लाल फूल डालकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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