अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, प्राप्त होगा अक्षय फल
भगवान गणेश की महिमा अपरंपार है। उनके शरण में रहने वाले साधकों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साधक श्रद्धा भाव से चतुर्थी तिथि (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024) पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस शुभ अवसर पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024) का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख, समृद्धि एवं धन में वृद्धि होगी।
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इंद्र योग
पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष इंद्र योग को मंगलकारी मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। इंद्र योग संध्याकाल 07 बजकर 34 मिनट तक है। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
शिववास
ज्योतिषियों की मानें तो अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 10 बजकर 07 मिनट से हो रहा है। इस समय भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
नक्षत्र एवं करण
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर पुष्य नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही बव एवं बालव करण का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 08 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 52 मिनट पर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
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