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    Ramlala Pran Pratishtha: पुष्पाधिवास एवं फलाधिवास पर दुर्लभ 'शुभ' योग समेत बन रहे हैं ये 6 अद्भुत संयोग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 18 Jan 2024 12:26 PM (IST)

    रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास शर्कराधिवास और फलाधिवास पर शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 11 बजकर 06 मिनट तक है। इस दिन शुभ योग के बाद शुक्ल योग का निर्माण होगा। इस योग का निर्माण 21 जनवरी को सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। इन योग के दौरान ही अनुष्ठान किए जाएंगे।

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    Ramlala Pran Pratishtha: पुष्पाधिवास एवं फलाधिवास पर दुर्लभ 'शुभ' योग समेत बन रहे हैं ये 6 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramlala Pran Pratishtha: भारतवर्ष के लिए पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी का दिन बेहद मंगलकारी है। इस शुभ तिथि पर अयोध्या स्थित राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु सात दिवसीय अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इसी क्रम में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास किए जाएंगे। ज्योतिषियों की मानें तो फलाधिवास और पुष्पाधिवास पर दुर्लभ शुभ योग समेत 6 अन्य लाभकारी योग बन रहे हैं। इन योग में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हेतु पुष्पाधिवास किया जाएगा। आइए, इन योग के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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    यह भी पढ़ें: रामलला प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर दुर्लभ 'इंद्र' योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग

    शुभ योग

    रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास पर शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 11 बजकर 06 मिनट तक है। इस दिन शुभ योग के बाद शुक्ल योग का निर्माण होगा। इस योग का निर्माण 21 जनवरी को सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। इन योग के दौरान ही अनुष्ठान किए जाएंगे।

    रवि योग

    पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 20 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से हो रहा है, जो 21 जनवरी की रात 03 बजकर 09 मिनट तक है। रवि योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।

    शुभ करण

    शर्कराधिवास और फलाधिवास पर तैतिल और गर दोनों करण का निर्माण हो रहा है। तैतिल करण का निर्माण सुबह बेला में है। वहीं, गर करण का निर्माण संध्याकाल 07 बजकर 26 मिनट तक है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 50 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 06 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 03 बजकर 26 मिनट पर

    शुभ मुहूर्त

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजे तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: Ram Mandir Pran Pratishtha: क्या होती है प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा, जानें इसका धार्मिक महत्व

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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