Ramadan 2025: आत्मसंयम को मजबूत करने का माध्यम है रमजान
रमजान का महीना इस्लामी लोगों का सबसे पाक महीना माना गया है। इस अवधि में लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। यह महीना अर्धचंद्र के दिखने के बाद शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने (Ramadan 2025) जो भी लोग आत्मसंयम के साथ रहते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करते हैं उनके घर हमेशा के लिए बरकत बनी रहती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत विविधता में एकता, सहिष्णुता और आध्यात्मिकता की भूमि है। भारतीयता की डोर सबको जोड़े रखती है। हमारे पर्व-त्योहार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाले सेतु हैं। रमजान इसी सह-अस्तित्व व सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यह केवल उपवास और इबादत का महीना नहीं, बल्कि समाज में सेवा, दया और भाईचारे को बढ़ाने का अवसर भी है। इस महीने में इफ्तार और सहरी के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं।
भारत में रमजान (Ramadan 2025) का उत्सव केवल मुस्लिम समाज तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अन्य समुदायों के लोग भी इसमें भाग लेते हैं और सौहार्द का परिचय देते हैं, तो चलिए इसस जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को ''डा. इंद्रेश कुमार जी (मार्गदर्शक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच)'' से जानते हैं।
यह भी पढ़ें: Chaitra Month Ekadashi 2025: चैत्र माह में कब-कब रखा जाएगा एकादशी का व्रत? जानें पूजन विधि और महत्व
पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत (Ramadan Significance)
यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से शरीर को शुद्ध करने व आत्मसंयम को मजबूत करने का भी माध्यम है। उपवास से स्वास्थ्य लाभ होता है, जो भारतीय जीवनशैली के आयुर्वेदिक सिद्धांतों से मेल खाता है।
भारत तकनीकी और आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है, लेकिन हमारी संस्कृति प्रेम, सेवा और सहिष्णुता को बनाए रखती है। रमजान इसी भावना का प्रतीक है, जो केवल मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
कब है ईद? (Eid Date And Time)
आपको बता दें कि ईद की तारीख नए चांद के दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमजान के अगले महीने यानी शव्वाल का पहला दिन ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में इस साल चांद दिखने के आधार पर ईद-उल-फितर 30 मार्च, 2025 या फिर 31 मार्च, 2025 को मनाए जाने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें: Tarot Card Reading: गुरुवार के दिन जरूर करें ये खास उपाय, खुल जाएगी बंद किस्मत
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।