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    Raksha Bandhan 2024: इस साल रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, नोट करें शुभ मुहूर्त

    Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:41 PM (IST)

    रक्षाबंधन भाई-बहनों के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है जिसमें बहनें प्यार से अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके बदले में भाई अपनी बहनों की सदैव रक्षा करने का वादा करते हैं। साथ ही उन्हें उपहार व पैसे देते हैं। यह त्योहार संबंधों को और भी मधुर बनाता है तो आइए इस त्योहार को हर तरह की बला से बचाने के लिए भद्रा योग पर नजर डालते हैं।

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    Raksha Bandha 2024: रक्षाबंधन शुभ और भद्रा योग -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा बंधन सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भाई-बहन के प्यार भरे रिश्ते का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल श्रावण माह पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस साल यह सोमवार, 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बहनें इस शुभ अवसर (Raksha Bandhan 2024) पर अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उन्हें मिठाईयां खिलाती हैं, जब यह शुभ अवसर इतना करीब है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

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    रक्षाबंधन शुभ योग (Raksha Bandha 2024 Shubh yoga)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस तिथि पर शोभन योग पूरे दिन रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, रवि योग भी सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। सोमवार को पड़ने की वजह से यह दिन और भी शुभ माना जा रहा है।

    भद्रा योग (Raksha Bandha 2024 Bhadra Yoga)

    ज्योतिषियों की गणना मानें, तो रक्षाबंधन पर इस साल भद्रा का साया बना रहेगा। इसका असर इस तिथि पर सुबह 06 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि भूलकर भी इस दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। बता दें, सनातन धर्म में मांगलिक कार्यों को करते समय समय भद्राकाल का विशेष ध्यान दिया जाता है।

    ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किए गए कार्यों में अनहोनी होने की संभावना होती है। वहीं, इस काल में राखी बांधना, मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह से जुड़े कार्यक्रम, पूजा-अनुष्ठान आदि जैसे कार्य करना बेहद अशुभ माना जाता है।

    - यथा पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहूत्र्ताधिकोदय व्यापिन्यामपराले प्रदोषे वा कार्यम्

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।