Raksha Bandhan 2023: दाएं या बाएं, किस हाथ की कलाई पर बांधें राखी, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र
Rakhi 2023 रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन के इस शुभ अवसर पर भाई को राखी या रक्षासूत्र बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जिनका वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है। आइए जानते हैं कि भाई की किस कलाई में राखी बांधना शुभ होता है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Raksha Bandhan 2023: सनातन धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व रखता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। साथ ही उनके बेहतर स्वास्थ्य, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। साथ ही इस दिन बहनों को उपहार देने का भी चलन है। भद्रा काल का निर्माण होने के कारण 2 दिन यानी 30 और 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मान्य होगा।
रक्षाबंधन का महत्व
सनातन परंपरा में इस पर्व को बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन देवी लक्ष्मी ने दैत्यराज बलि को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था। रक्षाबंधन का पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारकर, प्रेम के प्रतीक स्वरूप राखी या रक्षा सूत्र बांधती हैं। साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।
किस हाथ में बांधे राखी
राखी बांधते समय हमेशा ध्यान रखें कि भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधना शुभ होता है। शास्त्रों के अनुसार दाहिने हाथ या जिसे हम सीधा हाथ भी कहते हैं उसे वर्तमान जीवन के कर्मों का हाथ माना जाता है।
इसी हाथ में क्यों बंधती है राखी
मान्यताओं के अनुसार दाहिने हाथ से किए गए दान, धर्म को भगवान स्वीकार करते हैं। यही कारण है कि धार्मिक कार्यों के बाद बांधा जाने वाला कलावा भी दाहिने हाथ में बांधा जाता है। साथ ही रक्षाबंधन के दिन राखी भी दाहिने हाथ में बांधना ही शुभ माना जाता है।
मिलते हैं कई फायदे
दाहिने हाथ में राखी बांधने के केवल धार्मिक फायदे ही नहीं हैं बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी रक्षा सूत्र बांधने से शरीर को कई प्रकार के रोग से छुटकारा मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद शास्त्र में यह बताया गया है कि शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती है। ऐसे में इस स्थान पर रक्षा सूत्र बांधने व्यक्ति रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह इत्यादि जैसे गंभीर बीमारियों से काफी हद तक दूर रहता है।
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