Rahu Ketu Upay: राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से हैं परेशान? तो नवरात्रि में जरूर करें ये खास उपाय
Rahu Ketu ke Upay ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रह को पापी ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। कुंडली में इन दोनों ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इनसे बचने के उपाय।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Rahu Ketu Upay, Chaitra Navratri 2023: ज्योतिष शास्त्र में राहु एवं केतु ग्रह को पापी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हर समय उल्टी चाल चलते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में यदि राहु-केतु दोष है तो जातक को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से कई परेशानियां झेलनी पड़ती है।
कई राशियां ऐसी हैं, जिन्हें जिनपर इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन चैत्र नवरात्रि में करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते है-
चैत्र नवरात्र 2022 तिथि (Chaitra Navratri 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च 2023, बुधवार से होगा और इसका समापन 30 मार्च, गुरुवार के दिन हो जाएगा। चैत्र नवरात्रि में मां भगवती की उपासना करने से न केवल दुख एवं कष्ट दूर होते हैं, बल्कि नवग्रह भी शांत होते हैं और उनका अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए चैत्र नवरात्रि में करें यह उपाय (Rahu Ketu Upay in Hindi)
-
ज्योतिष विद्वान बताते हैं की राहु और केतु के दोष से बचने के लिए मां चंद्रघंटा एवं मां ब्रह्मचारिणी की विधिवत पूजा करने से साधक को लाभ मिलता है। साथ ही इन दोनों पापी ग्रहों के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है।
-
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को पानी में चंदन का चूर्ण मिलाकर स्नान करना चाहिए। नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस उपाय को शुरू करें कम से कम 3 महीने तक इसका पालन करते रहें। ऐसा करने से जीवन में आ रही सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करने से भी राहु-केतु दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए नवरात्रि में शिव सहस्त्रनाम और हनुमान सहस्नाम का पाठ जरूर करें।
-
नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं, साथ ही इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। उसके साथ साधक 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।