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    Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी के दिन इन बातों का रखें ध्यान, मिलेगा व्रत का पूरा फल

    Updated: Fri, 09 Aug 2024 04:04 PM (IST)

    सावन मास की पुत्रदा एकादशी को बेहद शुभ माना गया है। यह दिन श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और भक्तिपूर्वक सभी पूजा नियमों का पालन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Putrada Ekadashi 2024: इन बातों का रखें ध्यान -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन हिंदुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को लेकर यह भी मान्यता है कि जो दंपत्ति यह व्रत (Putrada Ekadashi 2024) रखते हैं, उन्हें संतान रत्न की प्राप्ति होती है।

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    वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन करना बेहद जरूरी होता है, तो चलिए जानते हैं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • इस दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अपशब्दों का प्रयोग न करें।
    • पुत्रदा एकादशी के दिन व्रती को झूठ बोलने और क्रोध करने से बचना चाहिए।
    • इस दिन भगवान विष्णु की ज्यादा से ज्यादा पूजा करनी चाहिए।
    • इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और अनाज के सेवन से बचना चाहिए।
    • इस तिथि पर मांस, मछली, प्याज, लहसुन, अंडे व शराब आदि चीजों से परहेज करना चाहिए।
    • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए और सिर धोने से बचना चाहिए।
    • इस व्रत के दिन फल और दूध से बने उत्पाद का सेवन किया जा सकता है।
    • एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है।
    • इस दिन तेल में प्रसाद नहीं पकाना चाहिए।
    • एकादशी व्रत के दिन भक्तों को भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए और श्रीमद्भागवतम् का पाठ करना चाहिए।

    भगवान विष्णु मंत्र

    • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
    • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।