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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर इस तरह मिलेगी भोलेनाथ की कृपा, जीवन में आएगी सुख-शांति

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 06:15 PM (IST)

    प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 8 जून को किया जाएगा। इस दिन विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव साधक को सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में आप प्रदोष व्रत के दिन ये स्तुति जरूर करें।

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    Pradosh Vrat 2025 इन कार्यों से प्रसन्न होंगे महादेव।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत करने का विधान है। इस प्रकार हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन विधिवत रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से आपको सुखी दांपत्य जीवन का भी आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में आप इस दिन पर सुख-समृद्धि की कामना के साथ नटराज स्तुति का पाठ जरूर करें।

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    प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ 8 जून को सुबह 7 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 9 जून को सुबह 9 बजकर 35 मिनट होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत रविवार 8 जून को किया जाएगा। रविवार के दिन पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत भी कह सकते हैं। इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

    प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 18 से रात 9 बजकर 19 मिनट तक

    नटराज स्तुति (Nataraja Stuti)

    प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा में नटराज स्तुति का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपको भोलेनाथ की कृपा से जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

    सत सृष्टि तांडव रचयिता

    नटराज राज नमो नमः ।

    हे आद्य गुरु शंकर पिता

    नटराज राज नमो नमः ॥

    गंभीर नाद मृदंगना

    धबके उरे ब्रह्माडना ।

    नित होत नाद प्रचंडना

    नटराज राज नमो नमः ॥

    शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा

    चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां ।

    विषनाग माला कंठ मां

    नटराज राज नमो नमः ॥

    तवशक्ति वामांगे स्थिता

    हे चंद्रिका अपराजिता ।

    चहु वेद गाए संहिता

    नटराज राज नमोः ॥

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    शिव जी के मंत्र

    1. महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    2. भगवान शिव का गायत्री मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    3. रुद्र मंत्र - ॐ नमो भगवते रुद्राये।।

    4. भगवान शिव के अन्य मंत्र -

    ॐ हौं जूं सः ।।

    श्री महेश्वराय नम:।।

    श्री सांबसदाशिवाय नम:।।

    श्री रुद्राय नम:।।

    ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।।

    करें ये काम

    प्रदोष व्रत की पूजा में शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र जरूर अर्पित करें। इसके साथ ही प्रदोष व्रत के दिन अन्न, वस्त्र, और अन्य उपयोगी चीजों का दान भी जरूर करना चाहिए। इन सभी कार्यों को करने से आपको भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।