Pradosh Vrat 2025: प्रदोष काल में इन उपायों से करें भगवान शिव को प्रसन्न, पूरी होगी मनचाही मुराद
भगवान शिव की महिमा निराली है। अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा (Pradosh Vrat 2025 Puja Vidhi) करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शादी जल्द हो जाती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना यथाशीघ्र पूरी होती है। साथ ही साधक पर भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा बरसती है।
ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी। साथ ही काल, कष्ट, दुख, संकट और भय दूर हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत पर पूजा के समय ये उपाय जरूर करें।
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प्रदोष व्रत के उपाय
- देवों के देव महादेव जलाभिषेक से जल्द प्रसन्न होते हैं। अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय भगवान शिव का जलाभिषेक करें। साधक गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
- अगर आप मानसिक तनाव से निजात पाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से साधक पर चंद्र देव की कृपा बरसेगी।
- अगर आप कारोबार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी बुध देव की कृपा साधक पर बरसेगी।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है।
- भगवान शिव की कृपा पाने के लिए वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सफेद रंग की चीजों का दान करें । इन चीजों के दान से महादेव प्रसन्न होते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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