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Pradosh Vrat 2024: मई में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रभु की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Sun, 28 Apr 2024 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 09:59 AM (IST)
Pradosh Vrat 2024: मई में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 May Date: देवों के देव महादेव को त्रयोदशी तिथि समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रभु की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। अब मई का महीना शुरू होने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मई में पड़ने वाले दोनों प्रदोष व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

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मई माह का पहला प्रदोष व्रत

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरुआत 05 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 05 मई को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का समय शाम 06 बजकर 59 मिनट से लेकर 09 बजकर 06 मिनट तक है।

मई माह का दूसरा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 20 मई को दोपहर 03 बजकर 58 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 20 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ समय शाम को 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 12 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही महादेव प्रसन्न होते हैं।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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