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    Pradosh Vrat 2024 June: जून में कब-कब है प्रदोष व्रत? नोट करें पूजा का सही समय

    Updated: Sat, 25 May 2024 11:24 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार प्रदोष काल में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) किया जाता है। यह व्रत मुख्यतः भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित माना गया है। मान्यता है कि भगवान शिव (Lord Shiv) की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    Pradosh Vrat 2024 June: जून में कब कब है प्रदोष व्रत? नोट करें पूजा का सही समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 in June: प्रदोष व्रत देवों के महादेव को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अब जून का महीना शुरू होने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जून में पड़ने वाले दोनों प्रदोष व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

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    जून माह का पहला प्रदोष व्रत

    पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 04 जून को रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 04 जून को रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 04 जून को रखा जाएगा।

    जून का दूसरा प्रदोष व्रत

    प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 20 जून को प्रदोष व्रत किया जाएगा।

    पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    रूद्र गायत्री मंत्र

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    शिव प्रार्थना मंत्र

    करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

    विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।