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Planetary Parade 2023 in India: आज इस समय एक रेखा में दिखाई देंगे 5 ग्रह, इन लोगों को रहना होगा सावधान

Planetary Parade 2023 आज आकाश में अद्भुत संयोग का निर्माण होने जा रहा है। बता दें कि आज के दिन 5 ग्रह एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे। इस अद्भुत खगोलीय घटना को भारत में भी देखा जा सकेगा। इस संयोग के कारण कुछ राशियों सावधान रहने की आवश्यकता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Tue, 28 Mar 2023 01:36 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 01:36 PM (IST)
Planetary Parade 2023 in India: आज इस समय एक रेखा में दिखाई देंगे 5 ग्रह, इन लोगों को रहना होगा सावधान
Planetary Parade 2023: आज आसमान में बन रहा है अत्यंत दुर्लभ संयोग, इन लोगों पर पड़ेगा असर।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Planetary Parade 2023 in India: खगोलविदों के अनुसार, आज यानि 28 मार्च को आसमान में एक अद्भुत नजारा दिखाई देगा। आज करीब 07 बजकर 30 मिनट पर पांच ग्रह- बुध, बृहस्पति, शुक्र, अरुण और मंगल एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे। बता दें कि इस अद्भुत दृश्य को बिना दूरबीन के भी देखा जा सकेगा।

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ग्रहों का यह अद्भुत समन्वय सूर्यास्त के ठीक बाद पश्चिमी क्षितिज की ओर दिखाई देगा। ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस संयोग का प्रभाव लोगों पर भी पड़ सकता है।

ग्रहों के इस संयोग को कैसे देखें?

खगोल विद्वानों के अनुसार इस संयोग को शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 07 बजकर 30 मिनट (Planetary Parade 2023 Time) के बीच देखा जा सकेगा। लेकिन इसमें देरी न करें, ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्यास्त के ठीक आधे घंटे बाद बुध और बृहस्पति क्षितिज के नीचे डूब जाएंगे। बता दें कि बृहस्पति, शुक्र और मंगल की चमक अधिक होने के कारण इन्हें, नग्न आंखों से भी एक रेखा में देखा जा सकेगा। वहीं बुध और वरुण यानि युरेनस ग्रह को देखने के लिए दूरबीन की सहायता लेनी पड़ सकती है।

इन ग्रहों के संयोग से किसानों को हो सकती है परेशानी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं और निर्धारित समय तक उस राशि में आसीन रहते हैं। वर्तमान समय में शनि ग्रह कुंभ राशि में विराजमान हैं, वहीं मीन राशि में गुरु और बुध ग्रह की युति बन रही है। सूर्य पहले से ही इस राशि में आसीन हैं।

ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस संयोग के कारण अधिक वर्षा होने की संभावना है। मध्य और उत्तर भारत के प्रमुख क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो सकती है, साथ ही इसके कारण ओलावृष्टि भी हो सकती है। जिससे सबसे बड़ा नुकसान फसलों को सकता है, जिसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है, विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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