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    Pitru Paksha 2024: इन जगहों पर भूलकर भी न लगाएं पितरों की तस्वीर, लगाने से पहले दिशा के साथ रखें इन बातों का ध्यान

    Updated: Mon, 16 Sep 2024 10:44 AM (IST)

    हिंदुओं में पितृ पक्ष का समय बहुत महत्व रखता है। यह 16 दिनों तक चलता है और लोग इस दौरान अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। इस दौरान (Pitru Paksha 2024) पितृ पूजा पितृ तर्पण और पिंड दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

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    Pitru Paksha 2024: इन जगहों पर न लगाएं पितरों की तस्वीर।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय बेहद अहम माना जाता है। इस साल यह दिन मंगलवार, 18 सितंबर को शुरू होगा। वहीं, इसका समापन दिन बुधवार, 2 अक्टूबर को होगा। इस अवधि को पितृ पक्ष व श्राद्ध के रूप में जाना जाता है। यह पूरी तरह से पूर्वजों को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान (Pitru Paksha 2024) लोग अपने पूर्वजों का तर्पण व पिंडदान करते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन के कष्टों का नाश होता है। वहीं, कुछ लोग इस दौरान अपने घरों में पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं,

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    लेकिन दिशा के साथ-साथ कई सारी ऐसी बातें अनदेखा कर देते हैं, जिससे पितृ रुष्ट हो जाते हैं, तो आइए पितरों की तस्वीर लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए उसके बारे में जानते हैं।

    इन जगहों पर न लगाएं पितरों की तस्वीर

    ऐसा कहा जाता है कि पितरों की तस्वीर ड्राइंग व बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिसके प्रभाव से घर के सदस्यों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही आपसी लोगों में मनमुटाव की स्थिति बन जाती है। यही नहीं इसके प्रभाव से धन और मान की हानि भी हो सकती है। इसलिए इन जगहों पर पूर्वजों की तस्वीर लगाने से बचना चाहिए।

    दिशा के साथ रखें इन बातों का ध्यान

    पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाना अच्छा माना जाता है। इससे घर में सुख- शांति बनी रहती है। वहीं, तस्वीर लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिंदा व्यक्ति की फोटो पूर्वजों की तस्वीरों के बगल में नहीं लगानी चाहिए। इससे उनकी आयु कम होती है। साथ ही उनकी जिंदगी पर काफी बुरा असर पड़ता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।