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    Pitru Paksha 2023: इस दिन होगा पितृ पक्ष का समापन, जानें-पंचांग और तर्पण का सही समय

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 01 Oct 2023 12:47 PM (IST)

    गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं। अतः पितृ पक्ष में पितरों की पूजा की जाती है। इसमें पितरों को तर्पण दिया जाता है। साथ ही पूर्वजों को मोक्ष दिलाने हेतु पिंडदान और श्राद्धकर्म किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से सुख समृद्धि और वंश में वृद्धि होती है।

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    Pitru Paksha 2023: इस दिन होगा पितृ पक्ष का समापन, जानें-पंचांग और तर्पण का सही समय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली| Pitru Paksha 2023: हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। तदनुसार, इस वर्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृ मनाया जा रहा है। यह पर्व पितरों को समर्पित होता है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं। अतः पितृ पक्ष में पितरों की पूजा की जाती है। इसमें पितरों को तर्पण दिया जाता है। साथ ही पूर्वजों को मोक्ष दिलाने हेतु पिंडदान और श्राद्धकर्म किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा करने से सुख, समृद्धि और वंश में वृद्धि होती है। साथ ही मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इस वर्ष पितृ पक्ष का समापन 14 अक्टूबर को हो रहा है। आइए, सर्वपितृ अमावस्या के दिन का पंचांग और तर्पण का सही समय जानते हैं-

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    यह भी पढ़ें- Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, घर में बनी रहेगी सुख-शांति

    सर्वपितृ अमावस्या के दिन का पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 31 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - 05 बजकर 53 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

    अमृत काल - सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 11 बजकर 35 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - दोपहर 09 बजकर 14 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 06 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 47 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 21 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 53 मिनट पर

    सर्वपितृ अमावस्या मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर को संध्याकाल 09 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 14 अक्टूबर को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होती।

    Author:- Vaishnavi Dwivedi

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'