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    Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में पड़ने वाली इन तीन तिथियों का रखें ध्यान और जानिए पितृ पक्ष श्राद्ध कैलेंडर

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 06:06 PM (IST)

    Pitru Paksha 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार 29 सितंबर से पितृपक्ष का शुभारंभ हो रहा है। बता दें कि भाद्रपद पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है। इस दौरान लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण पिंडदान श्राद्ध कर्म इत्यादि करते हैं। इस दौरान पितर अपने परिवारजनों से मिलने के लिए धरती लोक पर आते हैं।

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    Pitru Paksha 2023 पितृ पक्ष की अवधि में इन तिथियों को माना जाता है महत्वपूर्ण।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Pitru Paksha 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष का शुभारंभ हो जाता है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है। पितृपक्ष की अवधि में पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म इत्यादि का विधान है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए धरती लोक पर आते हैं।

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    शास्त्रों में बताया गया है कि इस अवधि में तर्पण इत्यादि कर्म करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है। बता दें कि पितृपक्ष के दौरान तीन तिथियों को बहुत ही महत्व दिया गया है। आइए जानते हैं, किन-किन तिथियों को माना जाता है, पितृपक्ष की अवधि में महत्वपूर्ण?

    पितृपक्ष 2023 महत्वपूर्ण तिथियां

    शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष की अवधि में पितर के देहांत की तिथि के अनुसार, श्राद्ध, तर्पण एवं पिंडदान कर्म किया जाता है। लेकिन पितृपक्ष के दौरान भरणी श्राद्ध, नवमी श्राद्ध और सर्वपितृ अमावस्या को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

    • भरणी श्राद्ध- इस वर्ष भरणी श्राद्ध कर्म 2 अक्टूबर को चतुर्थी श्रद्धा के साथ किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, भरणी नक्षत्र सुबह से शाम 06:24 तक रहेगा। इस दौरान तर्पण अथवा श्राद्ध कर्म इत्यादि कर्मों को श्रेष्ठ माना जाता है।

  • नवमी श्राद्ध- नवमी श्राद्ध को मातृ श्रद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस साल नवमी श्राद्ध सात अक्टूबर के दिन किया जाएगा। इस तिथि पर परिवार में मातृ पितर अर्थात मां, दादी, नानी को समर्पित पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस दिन श्राद्ध कर्म करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

  • सर्व पितृ अमावस्या या अमावस्या श्राद्ध- पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या इस वर्ष 14 अक्टूबर को है। इस विशेष दिन पर जो लोग अपने पितरों के निधन की तिथि नहीं जानते हैं, वह इस दिन श्राद्ध कर्म, पिंडदान व तर्पण इत्यादि कर सकते हैं। सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान-दान को भी विशेष महत्व दिया गया है।

  • पितृ पक्ष 2023 कैलेंडर

    • 29 सितंबर 2023, शुक्रवार: पूर्णिमा श्राद्ध

    • 30 सितंबर 2023, शनिवार: द्वितीया श्राद्ध

    • 01 अक्टूबर 2023, रविवार: तृतीया श्राद्ध

    • 02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध

    • 03 अक्टूबर 2023, मंगलवार: पंचमी श्राद्ध

    • 04 अक्टूबर 2023, बुधवार: षष्ठी श्राद्ध

    • 05 अक्टूबर 2023, गुरुवार: सप्तमी श्राद्ध

    • 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: अष्टमी श्राद्ध

    • 07 अक्टूबर 2023, शनिवार: नवमी श्राद्ध

    • 08 अक्टूबर 2023, रविवार: दशमी श्राद्ध

    • 09 अक्टूबर 2023, सोमवार: एकादशी श्राद्ध

    • 11 अक्टूबर 2023, बुधवार: द्वादशी श्राद्ध

    • 12 अक्टूबर 2023, गुरुवार: त्रयोदशी श्राद्ध

    • 13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: चतुर्दशी श्राद्ध

    • 14 अक्टूबर 2023, शनिवार: सर्व पितृ अमावस्या

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।